
लीज धारकों को दूसरी जगह दिए जाएंगे पट्टे
भरतपुर। आदिबद्री-कनकाचल पर्वतों पर हो रहा खनन बंद होगा और इन पर्वतों का धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जाएगा। साथ ही जो लोग इस एिरया में वैध खनन कर रहे हैं उन्हें दूसरी जगह खनन पट्टे दिए जाएंगे। सीएम अशोक गहलोत के साथ आंदोलनकारियों की बैठक के बाद इन बिन्दुओं पर सहमति बन गई। दरअसल, आदिबद्री कनकाचल पर्वतों पर हो रहे खनन के विरोध में 260 दिन से आंदोलन चल रहा है।
चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के प्रयासों से इस बैठक का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रदीप माथुर व आदिबद्री के महंत शिवराम दास की अगुवाई में शिष्टमंडल के सदस्य शामिल हुए। चर्चा के बाद ब्रज के दोनों पर्वतों को सुरक्षित रखने का मार्ग तय किया गया।
मुख्यमंत्री ने दोनों पर्वतों को संरक्षित करने के निर्णय की घोषणा की। बैठक में पूर्व विधायक प्रदीप माथुर ने कहा कि ब्रज के साधु संत विगत 260 दिनों से ब्रज की संस्कृति व पौराणिक संपदा के रक्षण के लिए आंदोलनरत हैं। जिसको लेकर वो कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी कई बार चर्चा कर चुके हैं।
बैठक में शिष्टमंडल के सदस्यों के साथ मुख्य सचेतक महेश जोशी, खान व पशुपालन मंत्री प्रमोद जैन, चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग, प्रमुख सचिव कुलदीप रांका, जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता, कांग्रेसी नेता जुबेर खान आदि मौजूद रहे। विदित रहे है कि वर्ष 2009 में राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भरतपुर के डीग व कामां तहसील में पड़ रहे ब्रज के पर्वतों को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया था, लेकिन उस समय तहसील अंतर होने की वजह से प्रमुख पर्वत कनकाचल व आदिबद्री का कुछ हिस्सा संरक्षित वन क्षेत्र होने से छूट गया था।