
हम सभी जानते हैं कि मौसमी फल और सब्जियां न केवल स्वाद में अच्छी होती हैं, बल्कि ये हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी मानी जाती हैं। ‘सीजनल फूड’ यानी मौसम के अनुसार उगने वाले खाद्य पदार्थ, प्रकृति का हमें दिया गया एक अनमोल उपहार हैं। ये फूड प्रोडक्ट्स पोषण, स्वाद और स्वास्थ्य का एक ऐसा अनूठा संतुलन प्रदान करते हैं, जिसकी बराबरी कोई और नहीं कर सकता। सोचिए, गर्मियों में मीठा और रसीला तरबूज, मानसून में जामुन, और सर्दियों में ताजगी भरा संतरा ये सभी खाद्य पदार्थ हमारे शरीर को उस खास मौसम के अनुकूल बनाए रखने में मदद करते हैं। ये केवल ताजे ही नहीं होते, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, क्योंकि इन्हें अपनी प्राकृतिक परिस्थितियों में बढऩे का पूरा मौका मिलता है। आइए, इस लेख में हम जानेंगे कि मौसमी फल और सब्जियां क्यों हमारे लिए सबसे बेहतर विकल्प हैं और इन्हें अपनी रोजमर्रा की डाइट में शामिल करना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए क्यों इतना जरूरी है। जरूर खाएं सीजनल फूड, इनसे बढ़ती है इम्युनिटी
पोषण से भरपूर
जब फल और सब्जियां अपने मौसम में उगती हैं, तो उनमें पोषक तत्व सबसे ज्यादा होते हैं। ये ताजा होते हैं और प्राकृतिक रूप से पके होते हैं, जिससे इनमें विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है। उदाहरण के लिए, सर्दियों में पालक और गाजर बीटा-कैरोटीन और विटामिन ्र से भरपूर होते हैं, जो आंखों और त्वचा के लिए फायदेमंद हैं। गर्मियों में खीरा और तरबूज शरीर को हाइड्रेट रखते हैं। मौसमी खाद्य पदार्थों में केमिकल या प्रिजर्वेटिव्स का उपयोग कम होता है, जिससे ये स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होते हैं।
पर्यावरण और मौसम के अनुकूल
मौसमी फल-सब्जियां प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर उगती हैं, जो शरीर को मौसम की चुनौतियों से निपटने में मदद करती हैं। मानसून में जामुन और अनार जैसे फल इम्यूनिटी बढ़ाते हैं, जो बारिश में होने वाले इंफेक्शन से बचाव करते हैं। सर्दियों में संतरा और आंवला विटामिन ष्ट प्रदान करते हैं, जो सर्दी-खांसी से लडऩे में सहायक हैं। ये खाद्य पदार्थ शरीर के तापमान को संतुलित रखते हैं और मौसमी बीमारियों से बचाव करते हैं।
स्वाद और ताजगी
सीजनल फूड का स्वादिष्ट होता है, क्योंकि ये अपने प्राकृतिक समय पर पकते हैं। गैर-मौसमी फल-सब्जियों को पकाने के लिए कृत्रिम तरीकों और प्रिजर्वेटिव्स का उपयोग होता है, जो स्वाद और पोषण दोनों को कम करता है। उदाहरण के लिए, मानसून में ताजा जामुन या गर्मियों में आम का स्वाद कृत्रिम रूप से पकाए गए फलों से कहीं बेहतर होता है। ताजा और स्थानीय रूप से उगाए गए खाद्य पदार्थ खाने से न केवल स्वाद बढ़ता है, बल्कि पाचन भी बेहतर होता है।
किफायती और पर्यावरण के लिए लाभकारी
मौसमी फल-सब्जियां स्थानीय रूप से प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती हैं, जिससे इनकी कीमत कम होती है। इन्हें लंबी दूरी तक लाने-ले जाने या भंडारण की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम होता है। वहीं गैर-मौसमी खाद्य पदार्थों को आयात करने या कोल्ड स्टोरेज में रखने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।
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