
जयपुर। मुरलीपुरा स्थित जयपुर के प्रतिष्ठित एन. के. पब्लिक स्कूल में वार्षिक उत्त्सव ‘संस्कृति’ का आयोजन हर्सोल्लास के साथ किया गया। यह कार्यक्रम सीकर रोड़ स्थित रामेश्वरम् गार्डन में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं अतिथियों का स्वागत भारतीय परम्परानुसार तिलक लगाकर किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. राहुल गुप्ता, विद्यालय के पूर्व छात्र, वर्तमान में एसोसिएट प्रोफेसर, एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज, जयपुर का स्वागत विद्यालय के प्रबंध निदेशक डॉ. एन. सी. लुनायच एवं निदेशक श्री कुलदीप सिंह के द्वारा गुलदस्ता भेंट कर किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर की गई एवं नन्हें-नन्हें बालकों द्वारा भाव पूर्ण, मनमोहक गणेश वन्दना प्रस्तुत की गई।विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती चित्रा राजे बसेरा द्वारा वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत कर विद्यालय की उपल्बधियों से अवगत कराया गया।नर्सरी कक्षा के छात्रों द्वारा “आज है सण्डे गानें पर आकर्षक प्रस्तुति दी। वहीं तीसरी कक्षा के छात्रों ने “इण्डिया इन ओलंपिकस ……गाने पर नृत्य द्वारा भारत के उत्कृष्ट प्रदर्शन का स्मरण करा दिया। पर्यावरण के प्रति सजगता जगाने वाली अमृता देवी के बलिदान से समाज को अवगत कराया उनके कथन “सिर साटे, रूँख रहे तो भी सस्तो जाण” से पर्यावरण सजगता की अलख को जगाया। समाज में महिला शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने वाली पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले का स्मरण कर उनके योगदान को नृत्य नाटिका के माध्यम से व्यक्त किया गया।
एल.के.जी. कक्षा के छात्र-छात्राओं के द्वारा लोकगीत “काळ्यों कूद पड्यों मेला में ही आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया गया, दर्शक भावविभोर होकर वन्समोर, वन्समोर कहने से नहीं चुके। बड़ाकक्षा पाँचवीं के छात्रों द्वारा समुन्द्रमंथन पर नृत्यनाटिका के द्वारा महाकुम्भ के पर्व को साक्षात प्रस्तुत कर दर्शकों को प्रयागराज में भावनाओं की डुबकी लगवाकर पुण्य स्नान करवा दिया।मुख्य अतिथि डॉ. राहुल गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा मैं आज अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। मैं प्रबंध निदेशक, निदेशक महोदय, और सभी गुरूजनों का आभार व्यक्त करता हूँ आपके सही मार्ग दर्शन, दिशा निर्देशों का पालन कर आज इस मुकाम पर पहुँचा हूँ। मैं सभी विद्यार्थियों से यह कहना चाहूँगा कि शिक्षा और मेहनत से हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
प्रबंध निदेशक डॉ. एन. सी. लुनायच ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थी अनुशासन, ईमानदारी और परिश्रम को अपनी आदत बनायें, बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए पूरी निष्ठा से मेहनत करें।निदेशक श्री कुलदीप सिंह ने इस अवसर पर कहा सफलता कोई संयोग नहीं होती यह आपके कठिन परिश्रम, अनुशासन और आत्म विश्वास का परिणाम होती है। सदैव याद रखें “संघर्ष जितना कठिन होगा सफलता उतनी ही शानदार होगी।”कार्यक्रम के अन्त प्रधानाचार्या श्रीमती चित्रा राजे बसेरा ने सभी आगन्तुक अतिथियों, अभिभावकों, विद्यालय प्रबंधन का आभार व्यक्त कर बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विद्यालय के सलाहकार श्री वी. एन. त्रिवेदी, समन्वयक डॉ. नाहिद खान एवं सभी शिक्षक गण उपस्थित रहे।