
आयुष-64 आयुर्वेदिक दवा पर क्लिनिकल ट्रॉयल के जॉइंट प्रोजेक्ट पर काम करेंगे NIA और AIIMS जोधपुर
प्रोजेक्ट में सक्रिय भूमिका पर दैनिक जलतेदीप के प्रधान सम्पादक पदम मेहता जी को दिया धन्यवाद
आयुष मंत्रालय ने आयुष 64, अश्वगंधा, मधु याष्टी, गुडुची घन वटी ड्रग्स को क्लिनिकल ट्रायल के लिए चुना है
जयपुर। कोविड-19 को आयुर्वेदिक पद्धति से हराने के लिए अब राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यानि (जोधपुर) एम्स जोधपुर ने मिलकर एक एमओयू साइन किया है, जिसके तहत दोनों संस्थान कोविड-19 का आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज ढूंढ़ने के आयुर्वेदिक दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल करेंगे।
ट्रॉयल की अवधि छह माह की होगी: संजीव शर्मा

जयपुर स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक संजीव शर्मा ने बताया कि एम्स जोधपुर के साथ मिलकर हमने एक प्रोजेक्ट पर काम करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर अब सभी चीजें क्लियर हो गई हैं और एथिकल परमिशन मिल गई है। इसके लिए हम CTRI और NIA से रजिस्ट्रेशन के बाद क्लिनिकल ट्रॉयल जोधपुर में शुरु कर देंगे। यह ट्रॉयल आयुष-64 के नाम से भारत सरकार द्वारा निर्मित औषध है जिसका ट्रॉयल जोधपुर के एम्स में किया जाएगा। इस ट्रॉयल में आयुर्वेद संस्थान और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यानि (जोधपुर) मिलकर ट्रॉयल में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। ट्रॉयल की अवधि छह माह की होगी।
एम्स में भर्ती कोरोना मरीजों को दी जाएगी आयुर्वेदिक दवाएं
ये प्रोजेक्ट भारत सरकार एवम् आयुष मंत्रालय के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसमें 4 ड्रग्स के कोरोना के इलाज हेतु चुना गया है
- आयुष 64
- अश्वगंधामधु
- याष्टीगुडुची
- घन वटी
इसका हर परिणाम जारी किए जाएंगे और उसके डॉक्यूमेंट सार्वजानिक किए जाएंगे। डॉ.संजीव शर्मा ने विशेष तौर पर दैनिक जलतेदीप के प्रधान संपादक पदम मेहता का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, जोधपुर के इस प्रोजेक्ट के लिए पदम मेहता जी ने प्रमुख और सक्रिय भूमिका निभाई है जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। आयुर्वेदिक एम्स के डायरेक्टर संजीव मिश्रा ओर सहयोगी पंकज जी ओर तमाम वैज्ञानिक जो इस प्रोजेक्ट से जुड़े उन सबका शुक्रिया अदा करता हूं।
बारह हजार लोगों पर पॉपुलेशन स्टडी
दूसरी सबसे बड़ा प्रोजेक्ट राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान अपने स्तर पर कर रहा है वह यह है कि बारह हजार लोगों पर पॉपुलेशन स्टडी करने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत हो चुकी है और लोगों को दवाई वितरित की जाएगी। ऐसे लोगों को दवाई जी जाएगी जो स्वस्थ हैं और कंटेंमेंट जोन में हैं उन्हें आयुर्वेदिक दवाई दी जाएगी जो उनके इम्यूनिटी बूस्ट करने में सहायक होगी। यह दवाई पैंतालीस दिनों तक दो टेबलेट सुबह ओर दो शाम हो लेने होंगे। इसके परिणाामें के बाद दवा का आंकलन किया जाएगा ओर इसका क्लिनिकल ट्रॉयल भी हमने फाइनल कर लिया है।
संस्थान में शीघ्र ही कोविड-19 के टेस्ट
इस पर बात करते हुए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक संजीव शर्मा ने बताया कि कि उनके संस्थान में शीघ्र ही कोविड-19 के टेस्ट शुरू किये जायेंगे। इसके लिये आवश्यक उपकरण यहां पहुंच चुके हैं। उन्होनें बताया कि संस्थान की आधुनिक लैब में इन उपकरणों को स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पूरी तरह स्थापित हो जाने और आईएमसीआर से कोविड मरीजों के टेस्ट की स्वीकृति के साथ ही ये टेस्ट शुरू कर दिये जायेंगे। उन्होनें बताया कि इस अति आधुनिक लैब से रोजाना तीन हजार टेस्ट किये जा सकेंगे। आईसीएमआर ओर नेबियल से कुछ अनुमति मिलनी बाकि हैं जिसके बाद पूरी तरह से टेस्टिंग प्रक्रिया पूरी तरह शुरु हो जाएगी।
एनआईए ने आवंटित किए इम्यूनिटी किट
संजीव शर्मा ने आगे बताया चौथा और मुख्य कार्य हम यह करने जा रहे हैं एनआईए ने एक इम्यूनिटी किट आवंटित की है। हैल्थ वरकर्स, पुलिस कर्मी, डॉक्टर, सफाई कर्मी जैसे कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे हैं उन तमाम लोगों को यह इम्यूनिटी किट आवंटित की जाएगी जिसके तहत इसमें दवाई वितरित की जाएगी। अब तक यह पांच हजार लोगों को वितरित की जाएगी। इन सभी कार्यों ओर प्रोजेक्ट में राष्ट्रीय आयर्वुेद संस्थान सम्पूर्ण खर्चा कर रहा है जिसमें एम्स से जुड़े इंफ्राक्स्ट्रक्चर और लैब के खर्चे के अलावा बाकि खर्चा एनआईए वहन करेगा।