आयुर्वेद दिवस पर बाइक रैली: दिल्ली की सड़कों पर गूंजा संतुलन का संदेश

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली ने 17 सितंबर 2025 को आयुर्वेद दिवस की तैयारी में एक अनोखी बाइक रैली का आयोजन किया। ‘जन-जन के लिए आयुर्वेद, धरती के लिए आयुर्वेद’ थीम के साथ यह रैली स्वास्थ्य और पर्यावरण संतुलन के संदेश को लेकर निकाली गई। यह रैली युवाओं को आयुर्वेद से जोड़ने का प्रयास रही।

image source : via PIB
image source : via PIB

* आयुर्वेद दिवस 2025 से पहले AIIA की अनोखी बाइक रैली
* थीम – “जन-जन के लिए आयुर्वेद, धरती के लिए आयुर्वेद”
* रैली में पर्यावरण संतुलन और स्वास्थ्य जागरूकता का संदेश

AIIA’s Bike Rally in Delhi Spreads Ayurveda’s Message : नई दिल्ली। आयुर्वेद दिवस 2025 से पहले राजधानी दिल्ली की सड़कों पर एक विशेष संदेश गूंजता नजर आया। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) द्वारा आयोजित **बाइक रैली** ने न सिर्फ आयुर्वेद के प्रति जागरूकता फैलाई, बल्कि पर्यावरण संतुलन और जीवनशैली में बदलाव का संदेश भी दिया। रैली की शुरुआत AIIA परिसर से की गई, जिसे संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार प्रजापति ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान संस्थान के पूर्व प्रभारी निदेशक प्रो. (डॉ.) मंजुषा राजगोपाल, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, पीएचडी शोधार्थी और कई कर्मचारी मौजूद रहे।

बाइक रैली का प्रमुख संदेश था – “जन-जन के लिए आयुर्वेद, धरती के लिए आयुर्वेद”। यह थीम न केवल स्वास्थ्य संवर्धन की बात करती है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन की अहमियत को भी रेखांकित करती है। प्रतिभागियों ने AIIA से आयुष मंत्रालय तक यात्रा की और आयुर्वेद दिवस के लोगो तथा झंडों के साथ संदेश को जन-जन तक पहुंचाया।

इस पहल को लेकर निदेशक डॉ. प्रजापति ने कहा, “यह रैली आयुर्वेद के उस मूल दर्शन को उजागर करती है जो संतुलन की बात करता है – न सिर्फ शरीर के भीतर बल्कि प्रकृति के साथ भी।” उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे आयोजनों से हम युवाओं और आम नागरिकों को आयुर्वेद को अपनी जीवनशैली में शामिल करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

रैली, 23 सितंबर को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का एक अहम हिस्सा मानी जा रही है। इस दिन को हाल ही में भारत सरकार ने आयुर्वेद दिवस के रूप में घोषित किया है, क्योंकि यह दिन शरद संपात (Autumnal Equinox) के समय आता है – जो प्रकृति के संतुलन और आयुर्वेदिक दर्शन का गहरा प्रतीक है।AIIA और आयुष मंत्रालय लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं कि आयुर्वेद को आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली और सतत जीवनशैली से जोड़ा जाए**। इसके लिए वे प्रशिक्षण, सहयोग और जागरूकता अभियानों को आगे बढ़ा रहे हैं।