GST: त्योहारों की रौनक अब केवल मिठाइयों और सजावट तक सीमित नहीं है। इस बार देशभर में जश्न का एक नया रंग जुड़ा है – ‘GST बचत उत्सव’। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए अपील की कि आने वाले त्योहारों को हम इस उत्सव की भावना से मनाएं, जहां हर खरीददारी बचत का मौका बने।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 22 सितंबर से लागू हुए नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स से रोजमर्रा की चीजें जैसे कि साबुन, टूथपेस्ट, चप्पल, साइकिल, कपड़े और घरेलू उपकरणों की कीमतों में गिरावट आई है। दुकानदार ‘पहले और अब’ के रेट बोर्ड लगाकर खुद ही ग्राहकों को दिखा रहे हैं कि ये चीजें अब कितनी सस्ती हो गई हैं।
पीएम मोदी ने अपने पत्र में यह भी कहा कि जब लोग स्वदेशी सामानों को प्राथमिकता देंगे, तो उससे न केवल भारतीय कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लाखों नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने व्यापारियों से खासतौर पर आग्रह किया कि वो देसी उत्पादों को बढ़ावा दें और आत्मनिर्भर भारत के अभियान में भागीदार बनें।
उन्होंने बताया कि देश ने बीते 11 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज़ गति से आगे बढ़ रही है। GST में किए गए ये सुधार 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पाने में मील का पत्थर साबित होंगे।
साल 2017 से शुरू हुई GST यात्रा को एक बड़े बदलाव के रूप में पेश करते हुए उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की दिशा में देश ने बड़ा कदम उठाया है। अब नई नीतियों से व्यापारियों को पारदर्शिता, उपभोक्ताओं को राहत और सरकार को बेहतर राजस्व प्राप्त होगा।
अंत में, प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में देशवासियों को यही संदेश दिया — बचत करें, स्वदेशी अपनाएं और इस बार का त्योहार आत्मनिर्भर भारत के रंग में मनाएं। उनका कहना था, “GST बचत उत्सव हर घर में खुशहाली और समृद्धि लेकर आए, यही मेरी कामना है।”