- सहस्रधारा में बादल फटा, 10 लोगों की मौत, कई होटल-दुकानें क्षतिग्रस्त
- मसूरी हादसा, मजदूर के मकान पर मलबा गिरा, एक की मौत, एक घायल
- टपकेश्वर मंदिर जलमग्न, शिवलिंग डूबा, SDRF-NDRF राहत कार्य में जुटी
Cloudburst in Dehradun’s Sahastradhara: देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में सोमवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही का मंजर देखने को मिला। अचानक आए मलबे ने मुख्य बाजार को अपनी चपेट में ले लिया। दो से तीन बड़े होटल और करीब आठ दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। स्थानीय लोगों ने करीब 100 फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, जबकि कई लापता बताए जा रहे हैं।
मौसम विभाग ने पहले ही देहरादून समेत कई जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया था। देर रात हुई बारिश से देहरादून की तमसा नदी उफान पर आ गई और प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर में शिवलिंग जलमग्न हो गया। मंदिर परिसर को खाली करा दिया गया और आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
यह भी पढ़े : मोदी का मिशन: स्वदेशी, सेवा और समृद्ध भारत का सपना
आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक SDRF और फायर टीम घटनास्थल पर भेजी गई, लेकिन भारी मलबे के कारण तुरंत पहुंचना संभव नहीं हुआ। लोक निर्माण विभाग की जेसीबी ने रास्ता खोलने का प्रयास शुरू कर दिया।
इधर मसूरी के झड़ीपानी इलाके में मजदूरों के कच्चे मकान पर मलबा गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल मजदूर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर दुख व्यक्त किया और कहा कि जिला प्रशासन व SDRF राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं। उन्होंने ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना की।