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विधानसभा चुनाव में कड़े मुकाबले की उम्मीद
मुंबई। धुले महाराष्ट्र के 48 निर्वाचन क्षेत्रों में शामिल एक लोकसभा क्षेत्र है। जहां हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने लंबे समय से काबिज भारतीय जनता पार्टी को हराकर यह सीट अपने नाम की थी। फिलहाल इस सीट से पार्टी के नेता बच्छाव शोभा दिनेश सांसद हैं। 1957 में देश में हुए दूसरे आम चुनाव के दौरान यह संसदीय सीट अस्तित्व में आई थी। यह लोकसभा क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित एक महानगर है, जो सुनियोजित और व्यवस्थित ढंग से सरकार द्वारा बसाया गया है। देश के सबसे महान इंजीनियर भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या ने इस नगर को बसाने की योजना निर्मित की थी। यह शहर राज्य की राजधानी मुंबई से करीब 300 किलोमीटर, तो वहीं नई दिल्ली से लगभग 1100 किलोमीटर दूर है।
यह लोकसभा क्षेत्र नासिक और धुले जिलों में फैला हुआ है। जिसके तहत धुले ग्रामीण, धुले शहरी, सिंदखेड़ा, मालेगांव सेंट्रल, मालेगांव बाहरी और बगलान विधानसभा क्षेत्र आते हैं। यहां की सभी 6 विधानसभा सीटों में से दो भारतीय जनता पार्टी, दो ही सीट एआईएमआईएम और एक-एक सीट पर कांग्रेस और शिवसेना का कब्जा है। धुले लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली धुले ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेस का पिछले 10 साल से कब्जा है। जहां से पार्टी के नेता कुणाल रोहिदास पाटिल विधायक हैं। वे महाराष्ट्र कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री रोहिदास पाटिल के सुपुत्र हैं। यह सीट 2009 के विधानसभा चुनाव से सर्वप्रथम अस्तित्व में आई थी। जिस पर पहले चुनाव में शिवसेना के शरद पाटिल ने जीत दर्ज की थी।
राज्य के धुले जिले के अंतर्गत ही आने वाली धुले शहरी विधानसभा सीट पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का कब्जा है। जिसके नेता शाह फारूक अनवर ने 2019 के चुनाव में बीजेपी के अनिल अन्ना गोटे से यह सीट छीनी थी। इस विधानसभा क्षेत्र में 2008 के परिसीमन से पहले कांग्रेस ने लंबे समय तक राज किया है, लेकिन परिसीमन के बाद पार्टी कभी भी इस क्षेत्र को नहीं जीत सकी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को छोड़कर राज्य के सभी तीनों बड़े राजनीतिक दलों को जीतने का मौका देने वाली सिंदखेड़ा विधानसभा सीट भी धुले जिले के तहत ही आती है।
यह सीट लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के जयकुमार जितेंद्र सिंह रावल के पास है, जो लगातार तीन बार इस क्षेत्र का राज्य की विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। राजनीतिक परिवार से आने वाले विधायक जयकुमार रावल पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस की सरकार में खाद्य और ड्रग्स मंत्रालय के अलावा भी कई अन्य मंत्रालयों का कार्यभार भी संभाल
चुके हैं।