474 पार्टियों पर चुनाव आयोग की गाज! क्यों रद्द हुआ रजिस्ट्रेशन?

Election Commission
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Election Commission: राजनीतिक दलों की बढ़ती संख्या और उनकी निष्क्रियता को देखते हुए चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। इस बार 474 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। यह कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत की गई है, जिसमें नियमों का उल्लंघन करने पर रजिस्ट्रेशन खत्म किया जा सकता है।

आयोग के अनुसार, पिछले दो महीनों में कुल 808 ऐसे दलों पर शिकंजा कसा गया है, जो या तो लंबे समय से चुनाव में भाग नहीं ले रहे थे या जरूरी दस्तावेज जमा नहीं कर रहे थे। 9 अगस्त को ही चुनाव आयोग ने 334 पार्टियों का पंजीकरण खत्म किया था।

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एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है कि 359 दल ऐसे हैं जिन्होंने चुनाव तो लड़ा है, लेकिन पिछले तीन वर्षों से अपनी ऑडिट रिपोर्ट और खर्च का ब्यौरा आयोग को नहीं दिया है। आयोग ने इन दलों की पहचान कर 28 राज्यों में फैले इन संगठनों को संबंधित राज्य चुनाव अधिकारियों (CEO) के माध्यम से नोटिस भेजे हैं।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि पंजीकरण सिर्फ नाम के लिए नहीं हो सकता, हर पार्टी को चुनावी और वित्तीय जिम्मेदारियों का ईमानदारी से पालन करना होगा। अगर कोई राजनीतिक दल लगातार छह वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ता, तो उसका पंजीकरण खत्म करने का अधिकार आयोग को प्राप्त है।

इस कार्रवाई को साफ-सुथरे और पारदर्शी चुनावी सिस्टम की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल फर्जी या निष्क्रिय पार्टियों पर लगाम लगेगी, बल्कि राजनीतिक व्यवस्था में अनुशासन भी आएगा।