नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण आधिकारिक बयान में पुष्टि की कि पिछले महीने पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य टकराव के शुरुआती चरण में हुई ‘सामरिक गलतियों’ के कारण भारत को अपने कुछ लड़ाकू विमान गंवाने पड़े हैं। हालांकि, जनरल चौहान ने क्षतिग्रस्त या नष्ट हुए लड़ाकू विमानों की सटीक संख्या का खुलासा नहीं किया। बता दें कि यह पहला मौका है जब भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी ने सैन्य टकराव में लड़ाकू विमानों के नुकसान की आधिकारिक पुष्टि की है।
यह सैन्य टकराव, जिसे ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया गया था, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई के रूप में शुरू हुआ। भारत ने इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित हवाई हमले किए थे। इन हमलों के जवाब में, पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिससे दोनों देशों के बीच एक तीव्र सैन्य संघर्ष छिड़ गया।सूत्रों के अनुसार, शुरुआती संघर्ष में दोनों पक्षों को नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन पाकिस्तान को ‘भारी नुकसान’ होने के बाद उसने सामने से संघर्ष विराम की पेशकश की।
भारत ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिसके परिणामस्वरूप तनाव कम हुआ और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।सिंगापुर में शांगरी-ला वार्ता के दौरान एक साक्षात्कार में, जनरल चौहान ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह नहीं है कि जेट विमान गिराए गए, बल्कि यह है कि उन्हें क्यों गिराया गया और क्या गलतियाँ हुईं। उन्होंने पाकिस्तान के इस दावे को खारिज किया कि उसने 7-10 मई के संघर्ष के दौरान छह भारतीय जेट विमानों को मार गिराया था, इसे ‘बिल्कुल गलत’ बताया। जनरल चौहान ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने अपनी सामरिक गलती को समझा, उसे सुधारा और दो दिनों के बाद अपने जेट विमानों को फिर से उड़ाया।