- जल जीवन मिशन घोटाले में महेश जोशी की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
- ईडी पर आरोप – ठोस सबूत बिना 2.01 करोड़ रिश्वत और 50 लाख के लेन-देन का दावा
- 5 माह से जेल में बंद पूर्व मंत्री को सुप्रीम कोर्ट से आंशिक राहत
Mahesh Joshi hopes for relief नई दिल्ली। जल जीवन मिशन घोटाले में फंसे राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी को सुप्रीम कोर्ट से आंशिक राहत मिली है। हाईकोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी। मंगलवार को जस्टिस ए.जी. मसीह और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ईडी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा।
ईडी ने आरोप लगाया है कि महेश जोशी ने जल जीवन मिशन के टेंडरों में हेरफेर कर 2.01 करोड़ की रिश्वत ली और उनके बेटे की फर्म के खाते में 50 लाख रुपये का संदिग्ध लेन-देन हुआ। जबकि बचाव पक्ष का कहना है कि यह रकम लोन के रूप में ली गई थी और वापस भी कर दी गई।
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पूर्व मंत्री का तर्क है कि एसीबी में दर्ज मूल केस में उनका नाम तक नहीं था, फिर भी उन्हें अप्रैल 2025 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
गौरतलब है कि महेश जोशी पिछले पांच महीने से जेल में बंद हैं। ईडी का दावा है कि जल जीवन मिशन में कई ठेके रिश्वत और दलाली के जरिए दिए गए। सुप्रीम कोर्ट अब ईडी के जवाब के बाद इस मामले की अगली सुनवाई करेगा।