नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में पेश, वर्ष 2024 के आम चुनाव में नहीं होगा लागू, कांग्रेस का दावा विधेयक डॉ, मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुआ पेश, हंगामा, 20 सितंबर तक के लिए कार्यवाही स्थगित

राज्यमंत्री
राज्यमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद कानून राज्यमंत्री अर्जुन लाल मेघवाल ने 19 सितंबर को 128 वां संविधान संशोधन विधायक नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया। इस विधेयक में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। विधेयक में यह कहा गया है किवर्ष 2024 के होने वाले आम चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन कराना असंभव है। इससे यह स्पष्ट है कि यह संशोधन लागू नहीं हो पाएगा। वर्ष 2029 में विधानसभा और लोकसभा में लागू हो सकेगा।

महिला आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने से लेने की कोशिश की। कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान के बाद हंगामा शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान विधायक लाया गया था पर वह बिल अभी भी मौजूद है। सदन में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम नया बिल लाए हैं आप जानकारी दुरुस्त कर लीजिए। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने विधेयक की प्रति को लेकर हंगामा किया उन्होंने कहा कि हमें विधायक की प्रति नहीं मिली है सरकार ने कहा कि बिल को अपलोड कर दिया गया है। हंगामे के बीच ही लोकसभा की कार्रवाई 20 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

महिला आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने श्रेय लेने की कोशिश की। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर हंगामा हुआ। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान बिल लाया गया था। यह बिल अभी मौजूद है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम नया बिल लाए हैं। आप जानकारी दुरुस्त कर लीजिए।इसके बाद विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी को लेकर हंगामा किया। इनका कहना था कि उन्हें बिल की कॉपी नहीं मिली है। सरकार का कहना था कि बिल को अपलोड कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि 33 प्रतिशत नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लागू होने के बाद महिला आरक्षण के बाद लोकसभा में 181 महिला सदस्य निर्वाचित हो सकेंगी ।इसमें 60 अनुसूचित जाति जनजाति की और 121 सामान्य वर्ग की महिलाएं सांसद बन सकेंगी। इस विधेयक के मुताबिक वर्ष 2029 के चुनाव से यह लागू हो सकेगा।