नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया पर सक्रिय 1,400 से अधिक फर्जी और भ्रामक यूआरएल को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए। इन यूआरएल में भारत विरोधी कंटेंट, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सूचनाएं और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट शामिल थीं। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
उन्होंने बताया कि कई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स, विशेष रूप से पाकिस्तान से संचालित, ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले के दौरान झूठी सूचनाओं का प्रसार कर रहे थे।
मंत्री ने कहा कि “आईटी एक्ट, 2000 की धारा 69A के तहत भारत की सुरक्षा, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में इन अकाउंट्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए गए।”
24×7 कंट्रोल रूम की व्यवस्था: ऑपरेशन के दौरान सरकार ने एक केंद्रीकृत कंट्रोल रूम स्थापित किया था, जिसमें सेना, नौसेना, वायुसेना, पीआईबी और अन्य सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल थे। इसका उद्देश्य मीडिया को रियल-टाइम सूचना उपलब्ध कराना और गलत सूचना की त्वरित पहचान व खंडन करना था।
फैक्ट चेक यूनिट (FCU) की भूमिका: PIB के तहत संचालित फैक्ट चेक यूनिट ने सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही एडिटेड तस्वीरों, फर्जी वीडियो और भ्रामक बयानों की पहचान की और उनका खंडन करने के लिए तथ्य-आधारित पोस्ट जारी किए। साथ ही संबंधित मध्यस्थों को कार्रवाई के लिए अलर्ट भी किया गया।
आई एंड बी मंत्रालय की एडवाइजरी: 26 अप्रैल 2025 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की लाइव कवरेज से बचने की सलाह भी दी थी।
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