नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में एक बार फिर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार नारेबाजी की, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।
बुधवार को जैसे ही संसद की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने अपनी मांगों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। राज्यसभा में जब केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक, 2025 को सदन में विचार और पारण के लिए पेश किया, उसी दौरान विपक्ष ने सदन के भीतर नारेबाजी और प्रदर्शन शुरू कर दिया।
विपक्षी दल बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को रद्द करने की मांग कर रहे थे। जब इस विषय पर चर्चा की अनुमति नहीं मिली, तो कई सांसद अपनी सीटों से उठकर वेल तक आ गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे।
यहां गोवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुनः समायोजन विधेयक 2024 विचार के लिए पेश किया जाना था, लेकिन विपक्ष ने इसी मुद्दे को लेकर यहां भी जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
पीठासीन अधिकारियों ने बार-बार विपक्षी सांसदों से शांति बनाए रखने और अपनी सीटों पर लौटने की अपील की, लेकिन जब हंगामा नहीं थमा, तो पहले दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक, फिर 2 बजे तक, और अंत में गुरुवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।
गौरतलब है कि हंगामे के चलते संसद में बुधवार को प्रश्नकाल पूरी तरह बाधित रहा। सरकार से सवाल पूछने और जवाब पाने का अहम अवसर भी इस शोरगुल में खो गया।
बिहार में मतदाता सूची के मुद्दे पर उठे सियासी बवंडर ने संसद में भी असर दिखाया। विपक्ष इसे लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रणाली से जुड़ा मामला बताते हुए इस पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहा है।