46 साल बाद खुला पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार

जगन्नाथ मंदिर
जगन्नाथ मंदिर

जगन्नाथ मंदिर के आभूषणों और रत्नों को सूचीबद्ध किया जाएगा

नई दिल्ली। ओडिशा के सुप्रसिद्ध पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 46 साल लंबे इंतजार के बाद रविवार दोपहर खोला गया। इसके साथ भगवान जगन्नाथ के आभूषणों को सूचीबद्ध किए जाने की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई। इससे पहले यह साल 1978 में खोला गया था। इस दौरान भंडार गृह में सरकार के प्रतिनिधि, एएसआई के अधिकारी, गजपति महाराज के प्रतिनिधि समेत 11 लोग मौजूद हैं। खजाना खोलने से पहले प्रशासन ने लकड़ी के भारी 6 संदूक मंगाए। एक संदूक उठाने के लिए 8 से 10 लोगों को लगना पड़ा। इन्हें रत्न भंडार गृह में भेजा गया है।

अधिकारियों के मुताबिक, सरकार रत्न भंडार में मौजूद कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग करेगी, जिसमें उनके वजन और निर्माण जैसे डिटेल होंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सुपरिटेंडेंट डीबी गडनायक ने कहा कि इंजीनियर्स मरम्मत कार्य के लिए रत्न भंडार का सर्वे करेंगे।

जगन्नाथ मंदिर
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सरकार ने बनाई थी 16 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति

राज्य सरकार की तरफ से गठित 16 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति ने रत्न भंडार को 14 जुलाई को खोलने की सिफारिश की थी। राज्य सरकार ने मंदिर प्रबंध समिति के लिए एसओपी जारी की है। जिसमें खजाना खोलने सहित सभी कार्यों के लिए प्रक्रिया तय की गई है। जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक को पूरे काम की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रत्न भंडार में सांपों की मौजूदगी को देखते हुए स्नेक हेल्पलाइन और मेडिकल टीमों को भी तैनात किया गया है।

2018 में दी गई थी जगन्नाथ मंदिर के खजाने की जानकारी

साल 2018 में ओडिशा विधानसभा में बताया गया था कि रत्न भंडार में 12831 तोले के स्वर्ण आभूषण हैं, जिनमें कीमती रत्न जड़े हुए हैं। साथ ही 22153 तोले चांदी के बर्तन व अन्य सामान हैं भाजपा ने ओडिशा की सत्ता में आने पर 12वीं सदी के इस मंदिर के खजाने को खोलने का वादा किया था। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में यह प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गया था।

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