- दिल्ली में SIR-2025 प्रक्रिया शुरू, 2002 की वोटर लिस्ट आधार
- बिहार में 65 लाख नाम कटे, अब देशभर में 15 करोड़ नाम हटने का अनुमान
- मृत, स्थानांतरित और दोहरी पहचान वाले मतदाताओं पर कार्रवाई
SIR in Delhi नई दिल्ली। दिल्ली में SIR-2025 की तैयारियां अब पूरी रफ्तार पर हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने 2002 की मतदाता सूची को आधार मानकर नई प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस लिस्ट को विधानसभा सीटों के हिसाब से वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है, जिसे कोई भी आसानी से देख सकता है।
दिल्ली के सीईओ कार्यालय ने सोशल मीडिया पोस्ट कर यह जानकारी साझा की। अधिकारी मतदाता केंद्रों के पुनर्गठन और रिकॉर्ड सुधारने का काम युद्धस्तर पर कर रहे हैं। बूथ लेवल अफसरों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
CEO Delhi has started preparations for successful conduct of SIR-2025 in Delhi.
-Voter list of SIR-2002 and mapping with present constituencies uploaded
Check voter list (2002): https://t.co/8cUyGyKBEZ
Check constituency mapping: https://t.co/SXYDrEktk1#SIR2025 @ECISVEEP pic.twitter.com/sUzDqzfGW9— CEO, Delhi Office (@CeodelhiOffice) September 17, 2025
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिलहाल 1 करोड़ 55 लाख से अधिक मतदाता दर्ज हैं। इनमें 83 लाख से ज्यादा पुरुष, 71 लाख से अधिक महिलाएं और 1261 थर्ड जेंडर शामिल हैं।
बिहार के अनुभव से संकेत मिल रहे हैं कि SIR-2025 पूरे देश में बड़ी संख्या में मतदाताओं की सूची में बदलाव कर सकता है। बिहार में हाल ही में हुए SIR के दौरान 65 लाख नाम हटा दिए गए, जिनमें मृत, दो जगहों पर पंजीकरण कराने वाले और विदेशी नागरिक शामिल थे।
चुनाव आयोग से जुड़े सूत्र मानते हैं कि यदि यही प्रक्रिया पूरे देश में लागू होती है तो करीब 15 करोड़ नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं। दरअसल, देश में मतदाताओं की संख्या अभी लगभग 100 करोड़ है। लेकिन मृतक, स्थानांतरित और फर्जी पंजीकरण के चलते बड़ी गड़बड़ियां भी सामने आ रही हैं।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि नाम कटने के बाद मतदाता सूची ज्यादा सटीक होगी और इसका असर मतदान प्रतिशत पर साफ दिखेगा। उदाहरण के तौर पर 2024 में 100 करोड़ मतदाताओं पर मतदान प्रतिशत 66 था। लेकिन यदि सूची से 15 करोड़ नाम हट गए तो यह बढ़कर करीब 77 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।