गरीबी उन्मूलन के लिए बीसूका को मज़बूत किये जाने की आवश्यकता : डॉ. चन्द्रभान

Dr. Chandrabhan

बीसूका उपाध्यक्ष ने केन्द्र सरकार को लिखा पत्र, खाद्य सुरक्षा एवं जल जीवन मिशन को बीसूका के निगरानी बिन्दुओं में शामिल करने का किया आग्रह

जयपुर। बीस सूत्री कार्यक्रम आयोजन, क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति के उपाध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान ने कहा कि सामुदायिक विकास की अवधारणा पर आधारित बीस सूत्री कार्यक्रम का उद्देश्य गरीब एवं वंचित वर्ग के जीवन स्तर में सुधार करना है। इसके अन्तर्गत गरीबी उन्मूलन का महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी सम्मिलित है। उन्होंने बताया कि यूएनओ के अनुसार देश में अब अत्यन्त ग़रीबी की स्थिति नहीं है। लेकिन देश की जनसंख्या का एक चौथाई हिस्सा आज भी ग़रीबी रेखा के नीचे जीवनयापन की श्रेणी के अन्तर्गत आता है। आज़ादी के 75 वर्षों में ग़रीबी उन्मूलन के लिए बेहतर प्रयास हुए है, लेकिन ग़रीबी रूपी अभिशाप को समूल मिटाने के लिए बीस सूत्री कार्यक्रम को मज़बूत किए जाने आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर बीसूका आयोजन समन्वय एवं क्रियान्वयन समिति द्वारा बीस सूत्री कार्यक्रम में निर्धारित योजनाओं, कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग की जाती है। इस कार्यक्रम के तहत योजनाओं का राजस्थान में बेहतर क्रियान्वयन हुआ है और राजस्थान इस कार्यक्रम की क्रियान्विति में अव्वल रहा है। लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा राज्य स्तरीय त्रैमासिक निगरानी के लिए निर्धारित मदों में कटौती करते हुए खाद्य सुरक्षा एवं शुद्ध पेयजल के बिन्दुओं को रिपोर्टिंग प्रारूप से बाहर किया है जो कि बीस सूत्री कार्यक्रम को कमज़ोर करता है।
बीसूका उपाध्यक्ष ने बताया कि इस संबंध में भारत सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है कि खाद्य सुरक्षा एवं जल जीवन मिशन के बिन्दुओं को भी बीस सूत्री कार्यक्रम की रिपोर्टिंग प्रारूप में सम्मिलित किया जाए ताकि इन कार्यक्रमों का भी  बेहतर क्रियान्वयन हो सकें तथा वंचित वर्ग को लाभ सुनिश्चित हो सकें ।