नीट यूजी का पेपर गत वर्ष के मुकाबले रहा थोड़ा कठिन

neet ug 2022
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कोटा । नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए ) द्वारा देश देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 रविवार को आयोजित की गयी।
जहां तक पेपर के डिफीकल्टी लेवल का सवाल है, नीट 2022 का पेपर कुल मिलाकर पिछले साल की तुलना में कठिन था। फिजिक्स और जूलॉजी में सवाल मध्यम तो केमिस्ट्री और बॉटनी में आसान से मध्यम रहे हालांकि, तीन विषयों में जीव विज्ञान इस बार भी सबसे आसान बताया गया है।
मोशन एजुकेशन के फाउंडर और सीईओ नितिन विजय ने बताया कि नीट का पेपर गत वर्ष की तुलना में स्तरीय रहा। हर विषय में सवाल अच्छे और लेन्दी थे, जिससे प्रश्न हल करने में समय अधिक लगा। डिफीकल्टी लेवल गत वर्ष की तुलना में अधिक था। नीट यूजी का पेपर एनसीईआरटी बेस्ड था।

फिजिक्स में सबसे ज्यादा 27% प्रश्न मैकेनिक्स से पूछे गए । इलेक्ट्रिसिटी से 20%, मॉडर्न फिजिक्स से 18%, मैग्नेटिस्म से 13%, हीट एंड थर्मोडीनमिक्स से 11%, ऑप्टिक्स से 9% और वेव्स टॉपिक से 2% सवाल पूछे गए थे।

कैमिस्ट्री के पेपर का लेवल 2021 की तुलना में थोड़ा कठिन था। इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री में कक्षा 11 से 22%, फिजिकल और आर्गेनिक केमिस्ट्री कक्षा 12 से 20-20%, फिजिकल केमिस्ट्री कक्षा 11 से16%,इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री कक्षा 12 से 13% और आर्गेनिक केमिस्ट्री कक्षा 11 से 9% सवाल आए।
बॉयलोजी के पेपर का लगभग 90 प्रतिशत कवरेज एनसीईआरटी बेस्ड था। इस बार जूलॉजी में सबसे ज्यादा 26% प्रश्न ह्यूमन फिजियोलॉजी से पूछे गए। एनिमल हसबेंडरी और बायोटेक्नोलॉजी से 21और बिओमोलेक्यूल्स एनिमल किंगडम से 11% सवाल पूछे। ह्यूमन रिप्रोडक्शन, एवोलुशन, ह्यूमन हेल्थ एंड डिसीसेस से 8 से 9 फीसदी सवाल आए।
बॉटनी में चैप्टर वाइज वेइटज की बात करें तो सबसे अधिक प्लांट फिजियोलॉजी से 21% और जेनेटिक्स, इकोलॉजी और सेल एंड सेल साइकिल से 14 से 16 फीसदी सवाल पूछे गए। इसेक अलावा स्ट्रक्चरल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ प्लांट्स से 12%, डाइवर्सिटी ऑफ़ लाइफ से 11% सवाल आए।
नीट 2022 के आवेदक छात्र राजकुमार शर्मा ने कहा, “जीव विज्ञान और भौतिकी आसान थे, लेकिन रसायन शास्त्र थोड़ा कठिन था। मुझे लगता है कि इस साल का पेपर मेरे लिए आसान था। परीक्षा सिद्धांत आधारित थी और इस साल परीक्षा में अतिरिक्त 20 मिनट प्रदान किए गए थे। इससे बड़ा फायदा हुआ।
छात्र राजीव कहते हैं, “परीक्षा का समग्र कठिनाई स्तर पिछले वर्ष की तुलना में अधिक था। रसायन विज्ञान तीन विषयों में सबसे कठिन था। कार्बनिक रसायन विज्ञान से सबसे अधिक प्रश्न पूछे गए थे।”

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