
अग्निशमन विभाग की सतर्कता से बची बच्चों की जान
जयपुर। जयपुर में बच्चों के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल में मंगलवार अलसुबह प्री फैब्रिक वार्ड में आग लग गई। आग के बाद वार्ड में धुआं ही धुआं भर गया है। धुआं भरने से बच्चों बच्चों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। आग से अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई। आग की सूचना पर मौके पर पांच दमकल पहुंची. दमकल की मदद से आग पर काबू पाया. जिस वार्ड में आग लगी उस में कैंसर समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित बच्चे भर्ती थे। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा टी. रविकांत ने जेके लॉन अस्पताल के ऑन्कोलॉजी डे-केयर वार्ड में सोमवार देर रात को हुई आग लगने की घटना की 48 घटें में जांच पूरी करने के निर्देश दिए। प्रमुख शासन सचिव ने मंगलवार को अस्पताल में वार्ड का निरीक्षण किया और वहां से सकुशल शिफ्ट किये गये मरीजों एवं उनके परिजनों से कुशलक्षेम पूछी। इस दौरान प्रत्यक्षदर्शी अटेंडेंट महिला ने बताया कि वार्ड में धुंआ आने के 6 से 7 मिनट के भीतर नर्सिंगकर्मियों एवं चिकित्सकों की टीम ने सभी मरीजों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट कर दिया।
जांच कमेटी गठित

प्रमुख शासन सचिव टी. रविकांत ने बताया कि यह घटना कैसे हुयी, इसकी जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गयी है जो 48 घंटे के भीतर में जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी। जिस कम्पनी ने यह वार्ड बनाया है, उनके प्रतिनिधियों को भी दिशा-निर्देश दिए गये हैं कि वे पूरे सिस्टम की पुन: जांच कर इसे रिस्टोर करें। इसके साथ ही भविष्य में इस प्रकार की किसी घटना की पुनरावृति नहीं हो इसके लिए सभी मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों की इलेक्ट्रिक एवं फायर यूनिटों के तकनीकी ऑडिट के निर्देश दिए। जांच कमेटी में डॉ. जगदीश सिंह, वरिष्ठ आचार्य शिशु औषध, अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. मनीष शर्मा, अधीक्षण अभियंता चिकित्सा शिक्षा श्री नीरज जैन, अधिशाषी अभियंता विद्युत पीडब्ल्यूडी श्री मुकेश सिंघल, अधिशाषी अभियंता विद्युत, राजमेस श्री जितेन्द्र मोहन तथा अधिशाषी अभियंता सिविल श्री एएन रावत शामिल है।
रात को उठा धुंआ
प्रमुख शासन सचिव टी. रविकांत ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि सोमवार रात को लगभग 10.30 बजे जैसे ही ड्यूटी डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टॉफ ने वार्ड में धुंआ देखा, उन्होंने वहां मौजूद 22 बच्चों को 6 से 7 मिनट के भीतर दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया। इसके बाद एतिहात के तौर पर पास वाले वार्ड के 25 बच्चों को भी दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे सुरक्षित है और उन्हें अलग वार्डों में शिफ्ट कर उनका निर्धारित उपचार किया जा रहा है। उन्होंने ड्यूटी डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टॉफ द्वारा तत्परता दिखाते हुए बच्चों को किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचाते हुए तत्काल दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के कार्य की सराहना की। इस दौरान कॉलेज शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते, प्रिंसिपल एसएमएस मेडिकल कॉलेज डॉ. राजीव बगरहट्टा, जेके लॉन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. कैलाश मीणा सहित संबंधित अधिकारी एवं चिकित्सक मौजूद रहे।