
नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी बिल्ली का म्याऊं या कुत्ते का भौंकना क्या कह रहा है? अब यह सिर्फ कल्पना नहीं रह जाएगी। चीन की टेक कंपनी Baidu एक ऐसा AI सिस्टम विकसित कर रही है, जो इंसानों को जानवरों की “भाषा” समझाने में मदद करेगा। Baidu ने हाल ही में चाइना नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एडमिनिस्ट्रेशन में एक पेटेंट फाइल किया है, जिसमें जानवरों की आवाजों, उनके व्यवहार और शारीरिक संकेतों का विश्लेषण करके उन्हें मानव भाषा में बदलने की तकनीक का जिक्र है।
Baidu के अनुसार, यह AI सिस्टम सबसे पहले जानवरों की आवाजों जैसे म्याऊं, भौंकना आदि को रिकॉर्ड करेगा। इसके साथ-साथ उनके चलने-फिरने के तरीके और दिल की धड़कन जैसी शारीरिक गतिविधियों को भी मापा जाएगा। फिर इन सभी डेटा को मिलाकर AI यह अनुमान लगाएगा कि जानवर खुश है, डर रहा है या भूखा है। इसके बाद, सिस्टम इन भावनाओं को इंसानी शब्दों या वाक्यों में बदल देगा जिससे इंसानों और जानवरों के बीच पहले से कहीं गहरा संवाद संभव हो सकेगा।
Baidu ने अपने पेटेंट में कहा है कि यह तकनीक “जानवरों और इंसानों के बीच भावनात्मक संवाद और समझ को गहरा बनाएगी और प्रजातियों के बीच संचार की सटीकता और कुशलता को बेहतर करेगी।” कंपनी ने साफ किया कि फिलहाल यह प्रोजेक्ट रिसर्च फेज में ही है और इसे कब तक लॉन्च किया जाएगा, यह तय नहीं है। Baidu अकेली कंपनी नहीं है जो इस दिशा में काम कर रही है। दुनियाभर में वैज्ञानिक AI की मदद से जानवरों की संवाद प्रणाली को समझने की कोशिश कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, Project CETI (Cetacean Translation Initiative) व्हेल मछलियों की बातचीत को समझने पर काम कर रहा है। वहीं, Earth Species Project नामक एक और पहल जानवरों की “भाषा” को डिकोड करने की दिशा में अग्रसर है