जयपुर में हेलिकॉप्टर से पहली बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट का नया इतिहास

New history of organ transplant for the first time by helicopter in Jaipur
New history of organ transplant for the first time by helicopter in Jaipur

जयपुर। राजस्थान में अंगदान के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया जब एक ब्रेनडेड युवक के अंगों को हेलिकॉप्टर के जरिए ट्रांसप्लांट सेंटर तक पहुंचाया गया। यह घटना उन मरीजों के लिए जीवनदायिनी बनी, जो वर्षों से ऑर्गन ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे थे।

झालावाड़ से जयपुर और जोधपुर तक जीवन की उड़ान

झालावाड़ जिले के पीपाजी निवासी विष्णु (33) को 10 दिसंबर को झगड़े के बाद गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया। विष्णु के परिवार ने 13 दिसंबर को साहसिक कदम उठाते हुए ऑर्गन डोनेशन की सहमति दी। इसके बाद जयपुर और जोधपुर में जरूरतमंद मरीजों के लिए अंगों को विशेष हेलिकॉप्टर के जरिए ट्रांसपोर्ट किया गया।

रविवार सुबह करीब 11:30 बजे, झालावाड़ से हेलिकॉप्टर ने ऑर्गन लेकर उड़ान भरी और कुछ समय बाद जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में लैंडिंग की। ऑर्गन को दो विशेष बॉक्सों में रखा गया था, जिसमें से एक जयपुर के लिए और दूसरा जोधपुर के लिए भेजा गया।

“ग्रीन कॉरिडोर” की मदद से जयपुर हॉस्पिटल तक ऑर्गन ट्रांसपोर्ट

जयपुर में हार्ट और लंग्स को तत्काल एसएमएस हॉस्पिटल तक पहुंचाया गया, जहां मरीजों की सर्जरी के लिए पहले से तैयारी की जा चुकी थी। हेलिकॉप्टर की रिफ्यूलिंग के बाद, दूसरा बॉक्स लेकर हेलिकॉप्टर ने जोधपुर एम्स के लिए उड़ान भरी और दोपहर 12:45 बजे स्पोर्ट्स ग्राउंड में लैंडिंग की।

जयपुर में 2 मरीजों को जीवनदान

हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट: जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में एक मरीज को हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट किया जाएगा। यह ऑपरेशन करीब 12 घंटे चलेगा, जिसमें ट्रांसप्लांट टीम, एनेस्थीसिया एक्सपर्ट, नर्सिंग स्टाफ और ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर की 25 सदस्यीय टीम शामिल होगी।
किडनी ट्रांसप्लांट: जयपुर के एसएसबी सुपर स्पेशलिस्ट बिल्डिंग में एक अन्य मरीज को किडनी का प्रत्यारोपण किया जाएगा।

जोधपुर में 2 अंगों का प्रत्यारोपण

लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट: जोधपुर एम्स में एक मरीज को लिवर और एक अन्य मरीज को किडनी प्रत्यारोपित की जाएगी। सर्जरी की तैयारी पहले से की जा चुकी थी और इस ऑपरेशन में भी करीब 12 घंटे का समय लगेगा।

परिवार की मिसाल : 4 लोगों को मिला नया जीवन

विष्णु के परिवार का यह निर्णय 4 जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनदान साबित हुआ। यह घटना न केवल मेडिकल फील्ड के लिए मील का पत्थर है बल्कि समाज को अंगदान के प्रति जागरूक भी करती है।

विशेषज्ञों की राय :

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स के अनुसार, “अंगों को सुरक्षित समय पर ट्रांसप्लांट सेंटर तक पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल एक क्रांतिकारी कदम है। इससे ट्रांसप्लांट की सफलता दर और मरीजों की रिकवरी बेहतर होती है।”