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बोले- राजस्थान में क्षेत्रीय आधार पर बंटे एसटी कोटा
जयपुर। राजस्थान में एसटी आरक्षण के वर्गीकरण की मांग तेज हो गई है। आदिवासी समुदाय से आने वाले डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। पेश है अमर उजाला से इस मुद्दे पर उनकी खास बातचीत के अंश। सांसद राजकुमार रोत का बड़ा बयान:एसटी आरक्षण को 4 हिस्सों में बांटा जाए- अनुसूचित क्षेत्र, डीटीएस, हाड़ौती क्षेत्र और ग़ैर अनुसूचित क्षेत्र राजस्थान में एसटी आरक्षण के वर्गीकरण की मांग तेज हो गई है। आदिवासी समुदाय से आने वाले डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। पेश है अमर उजाला से इस मुद्दे पर उनकी खास बातचीत के अंश।
सवाल- राजस्थान में एसटी आरक्षण को लेकर आपने सब कटेगिरी की मांग रखी है। ये क्या मांग है और क्यों की जा रही है?
जवाब- ये मांग तो लंबे समय से ही है। हम चाहते हैं कि राजस्थान में एसटी आरक्षण को 4 सब कटेगिरी में विभाजित किया जाए। यह सब कटेगिरी क्षेत्रीय आधार पर हो ना की जातिय आधार पर? पूर्व में यहां एसटी आरक्षण को जातिय आधार पर बांटने का षडयंत्र किया गया। जातीय आधार पर भील मीना, सहरिया, गरासिया,दामोर, दामरिया, धनका, मीना, नायक, पटेलिया सहित 12 सब कैटेगिरी हैँ। इससे ST वर्ग ही आपस में लड़ेगा वहीं क्षेत्रीय आधार सिर्फ 4 श्रेणी में ही विभाजित करना होगा।
सवाल- क्षेत्रीय आधार पर शेड्यूल एरिया और नोन शेड्यूल एरिया हैं। क्या आप इसमें बदलाव की मांग कर रहे हैं?
जवाब- क्षेत्रीय आधार पर हम चार सब कटेगिरी की मांग कर रहे हैं। इसमें शेड्यूल एरिया और नोन शेड्यूल एरिया के अलावा, डेजर्ट एरिया व चंबल के आस-पास का हाड़ौती क्षेत्र क्षेत्रीय आरक्षण में जोड़ने की मांग कर रहे हैं।
सवाल- वर्तमान में सीधी भर्ती में एसटी के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण है। क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण का विभाजन किस तरह से किया जाएगा?
जवाब- हमारी डिमांड है कि कुल 12 प्रतिशत एसटी आरक्षण में से 6 से साढ़े 6 प्रतिशत शेड्यूल एरिया को, ढाई प्रतिशत डेजर्ट एरिया, डेढ़ प्रतिशत हाड़ौती क्षेत्र और शेष राजस्थान के एसटी के लिए ओपन एरिया रिजर्वेशन हो। इसके लिए इन क्षेत्रों को भी नोटिफाई किए जाने की जरूरत है। हम काफी समय से डेजर्ट ट्राइबल को अलग से आईडेंटीफाइ करने की मांग कर रहे हैं। यहां मरुथलीय क्षेत्र में ट्राइबल जनसंख्या बहुत बड़ी संख्या में है।
प्रश्न: कोटे में कोटा की मांग की जरूरत क्यों पड़ी। क्या आप किसी स्टेडी रिपोर्ट के आधार पर यह कह रहे हैं?
जवाब- मैं लंबे समय से इस मुद्दे को उठा रहा हूं। टीएसपी क्षेत्र में क्षेत्रीय आधार पर एसटी के लिए 45 प्रतिशत, एससी के लिए 5 प्रतिशत और 50 प्रतिशत ओपन आधार पर वैकेंसी निकाली जाती है। साल 2013 से अब तक यहां कांस्टेबल की भर्ती 2400 पदों पर हुई। इनमें एसटी आरक्षण के आधर पर हमें 1040 पद मिलने चाहिए थे लेकिन सिर्फ 828 पद ही मिले। यही स्थिति आरएएस भर्ती में भी हुई। साल 2013 से 2018 तक यहां आरएएस वेकेंसी में टीएसपी से एक भी बच्चे का चयन नहीं हुआ क्योंकि विज्ञप्ति की शर्त थी कि टीएसपी और नोन टीएसीप में से एक विकल्प भरना होगा। जब परीक्षा हुई को टीएसपी में सिर्फ तहसीलदार तक के पद ही दिए गए। आरएएस के पद नोन टीएसपी में दे दिए गए।
सवाल: आप आरक्षण कोटे में कोटे की मांग कर रहे हैं क्या एसटी वर्ग में इस मांग को लेकर विरोध नहीं होगा?
जवाब: जो लोग सामाजिक न्याय में विश्वास करते हैं वे लोग हमारी मांग से सहमत होंगे। बारां में सहरिया जाति को अलग से आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार राजस्थान में क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण की मांग कर रहे हैं। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है। लेकिन हम जाति आधार पर नहीं क्षेत्रीय आधार पर चाहते है, आरक्षण हमारा अधिकार है, यह कब और कैसे लेना है हम तय करेंगे।