
हांगकांग, सिंगापुर, चीन और थाईलैंड के बाद भारत में भी लौटा कोविड
नई दिल्ली। एशिया के कुछ हिस्सों खासकर सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में कोविड के मामलों में अचानक बढ़ोतरी के बीच भारत में भी कोरोना की हल्की आहट महसूस होने लगी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 19 मई तक देश में कुल 257 एक्टिव कोविड केस सामने आए हैं। इसमें राहत की बात ये है कि सभी मरीजों में लक्षण बेहद मामूली हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत भी नहीं पड़ी।
एशिया में कोविड 19 के काफी केस बढ़े हैं। इनमें अधिकतर के केस जेएन 1 वेरिएंट के हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 12 मई तक 164 केस आए हैं. केरल में सबसे ज्यादा 69 केस दर्ज हुए हैं. वहीं महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भी कोविड 19 दस्तक दे चुका है. महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भी कई केस दर्ज हुए हैं. इसको लेकर केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है।

देश में कहां-कितने कोरोना वायरस के केस हुए दर्ज
देश में सबसे ज्यादा केस केरल में दर्ज हुए हैं. वहीं लिस्ट में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। तमिलनाडु में 34 मामले सामने आए हैं. कर्नाटक में 8 नए मामले सामने आए, जबकि गुजरात में 6 और दिल्ली में 3 केस दर्ज हुए हैं. हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम में एक-एक नया मामला सामने आया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि केरल में एक्टिव केस 95 हैं।
भारत के साथ दूसरे देशों में भी कोविड की दस्तक
एशिया के कई देशों में कोविड फिर से दस्तक दे चुका है। नेशन थाईलैंड के मुताबिक हांग कांग में 3 मई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 31 केस दर्ज हुए हैं। वहीं सिंगापुर में 27 अप्रैल से 3 मई के सप्ताह में कोविड-19 मामलों की अनुमानित संख्या 14,200 थी, जो पिछले सप्ताह के आंकड़ों के मुकाबले ज्यादा थी. पिछले हफ्ते 11,100 केस दर्ज हुए थे।
हालांकि सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां कोरोना की इस आहट को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक हाई-लेवल रिव्यू मीटिंग बुलाई जिसमें NCDC, ICMR, डिसास्टर मैनेजमेंट सेल और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। आइए जानते हैं कोरोना को लेकर तैयारियों और सचेत रहने को लेकर विशेषज्ञ डॉक्टर क्या सलाह दे रहे हैं।

क्यों अलर्ट पर है हेल्थ मिनिस्ट्री
भारत की पिछली कोविड लहरों से मिली सीख को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने साफ किया है कि वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। मॉनिटरिंग सिस्टम चालू हैं, दवाओं और अस्पतालों की उपलब्धता की नियमित समीक्षा हो रही है और राज्य सरकारों को भी अलर्ट कर दिया गया है।

भारत में आ चुके हैं विदेशों में फैल रहे वैरिएंट्स
सर गंगा राम अस्पताल दिल्ली के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ। मोहसिन वली का कहना है कि हांगकांग और सिंगापुर में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जहां JN।1 वेरिएंट के सबवेरिएंट्स LF।7 और NB।1।8 संक्रमण फैला रहे हैं। उनका कहना है कि इन वेरिएंट्स की गंभीरता या ट्रांसमिशन रेट में कोई खतरनाक बढ़ोतरी नहीं देखी गई है। अभी भारत में ऐसी स्थिति नहीं है और जो वेरिएंट बाहर फैल रहे हैं, वे भारत में पहले आ चुके वेरिएंट्स से बहुत अलग नहीं हैं। इसलिए अगर हल्का इजाफा होता भी है तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। हम पूरी तरह से तैयार हैं, हमारे अस्पताल तैयार हैं। लेकिन लोगों को भी कोविड को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए।

देश के सभी अस्पतालों को सरकार का निर्देश
सरकार ने देश के सभी अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर श्वसन संकट के मामलों पर नजर रखने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पूरी अलर्ट के साथ स्थिति की निगरानी कर रहा है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि लोगों के हेल्थ की सुरक्षा के लिए समय रहते जरूरी कदम उठाए जाएं। पिछले सप्ताह के आंकड़ों के मुताबिक केरल में 69, महाराष्ट्र में 44 और तमिलनाडु में 34 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे में अगर देश की जनता खुद कुछ नियमों का पालन करे और सावधानी बरते तो इस गंभीर वायरस को देश में फैलने और भयावह रूप लेने से रोका जा सकता है। खबर के माध्यम से जानें इस बीमारी को फैलने से कैसे रोका जा सकता है।

एशिया के और देशों में भी कोविड के केस क्यों बढ़ रहे हैं?
सिंगापुर में कोविड केस 27 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में 11,100 थे, जो 3 मई के हफ्ते में बढ़कर 14,200 हो गए। यानी एक हफ्ते में करीब 30% का उछाल। यही नहीं, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी रोज औसतन 102 से बढ़कर 133 हो गई है। ये आंकड़े सिंगापुर सरकार के हैं।
सरकार का कहना है कि ये उछाल कई वजहों से हो सकता है। जैसे कि लोगों में वैक्सीन से बनी इम्युनिटी का धीरे-धीरे कम हो जाना। इस वक्त सिंगापुर में जो कोविड वेरिएंट सबसे अधिक फैल रहे हैं, वो हैं LF.7 और NB.1.8. दोनों JN.1 वेरिएंट की ही अगली पीढ़ी हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि JN.1 वेरिएंट ही मौजूदा कोविड वैक्सीन बनाने में इस्तेमाल हुआ था।

बूस्टर लिया है, तब भी लेनी पड़ सकती है और वैक्सीन
कोविड केस बढ़ने के बाद हांगकांग सरकार ने खासतौर पर जिन्हें पहले से कोई बीमारी है या जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, ऐसे हाई-रिस्क लोगों को सलाह दी है कि वे पिछली डोज़ या संक्रमण के कम से कम 6 महीने बाद एक और कोविड वैक्सीन की डोज जरूर लें। चाहे उन्होंने पहले कितनी भी डोज क्यों न ली हों।

आम लोगों के लिए डॉक्टरों की सलाह
अगर फ्लू जैसे लक्षण हों तो टेस्ट कराएं।
बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
मास्क और सैनिटाइज़र की आदत फिर से डालें, खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर।
किसी भी अफवाह या डर का शिकार न बनें, लेकिन सतर्क जरूर रहें।