अखबार छोटा-बड़ा नहीं होता, उसमें छपे समाचार की वैल्यू होती है : गहलोत

माणक अलंकरण
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‘प्रदेश के विकास में ‘जलतेदीप’ का अहम योगदान’

जयपुर। राजस्थान के अग्रणी समाचार-पत्र दैनिक जलतेदीप की ओर से रविवार को माणक अलंकरण सम्मान समारोह आयोजित किया गया। बतौर मुख्यअतिथि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विशिष्ट अतिथि अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैनाचार्य लोकेश मुनि ने कार्यक्रम में भाग लिया। सभी प्रतिभाओं को सम्मानित करने के बाद मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दैनिक जलतेदीप से जुड़े उनके लगाव को सार्वजनिक किया। उन्होंने बताया कि वे युवावस्था से ही ‘दैनिक जलतेदीप’ से जुड़े रहे हैं। जलतेदीप ने कई समाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लेकर प्रदेश को आगे बढ़ाने मेंं अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि कोई अखबार छोटा या बड़ा नहीं होता, उसमें छपे समाचार की वैल्यू होती है। सीएम ने कहा कि जलतेदीप का प्रथम संस्करण 2 अटूबर 1969 को प्रकाशित किया गया था, उस समय नवभारत टाइस के अक्षयकुमार जैन ने कार्यक्रम में शिरकत की थी। तब वे 19 वर्ष के थे। ऐसे में जलतेदीप और उनका संबंध 53 वर्ष पुराना है। दैनिक जलतेदीप ने इंदिरा गांधी नहर, ब्राडगेज सहित अनेक विकासात्मक मुद्दों के समाचार प्रकाशित किए और आमजन को जोड़कर राजस्थान के विकास में भागीदारी निभाई।

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माणक अलंकरणमुख्यमंत्री ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महात्मा गांधी के विचारों को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि देश को एक रखने और विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए गांधी दर्शन को आत्मसात करना बहुत जरूरी है। देश की एकता व अखंडता के लिए अहिंसा को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार ने अहिंसा विभाग की स्थापना की है ताकि इसके माध्यम से शांति, सौहार्द एवं भाईचारे की भावनाओं से भरे संस्कारों का संवहन नई पीढ़ी में हो सके।

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उन्होंने कहा कि संस्कार ही आगे बढ़ाते हैं। गहलोत ने जोधपुरवासियों से प्राप्त होते रहे आत्मीय प्रेम के प्रति अभिभूत होते हुए आभार जताते कहा कि जन-जन का उनसे गहरा रिश्ता, प्यार, मोहबत ही है जिसने हमेशा ऊर्जा का अहसास कराया है। प्रदेश में जरूरतमन्दों की सेवा, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याणकारी सरोकारों से जुड़ी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने इन्हें अपूर्व एवं ऐतिहासिक उपलब्धि देने वाली बताया। लोकतांत्रिक ढांचे में पत्रकारिता की भूमिका अहम-गहलोत ने कहा कि समाचार-पत्र निकालना तथा समाचारों की गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण काम है। कोविड महामारी के दौरान समाचार-पत्रों के प्रकाशन में कई नई चुनौतियां आईं। सरकार द्वारा किए जाने वाले विकास कार्यों को सकारात्मक रूप में जनता तक पहुंचाने में समाचार-पत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

राजस्थानी भाषा की मान्यता दिलाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाएंगे

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गहलोत ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में समाचार पत्रों का अहम योगदान है। राज्य सरकार द्वारा राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया, लेकिन केन्द्र सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण अभी तक राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिल सकी है। उन्होंने सभागार में उपस्थित राजस्थानी भाषा के साहित्यकारों, लेखकों व शुभचितंकों से कहा कि गुजरात चुनाव के बाद जल्द ही राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक बैठक आयोजित कर आगे की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।

महात्मा गांधी के विचार आज भी प्रासंगिक

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में समय में गांधीजी के विचार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। महात्मा गांधी के नाम से पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान बनी है। गांधी दर्शन से जुड़े आयोजनों में भाग लेने से युवा पीढ़ी में अहिंसावादी संस्कार मजबूत होते हैं तथा उत्कृष्ट मानव संसाधन का निर्माण होता है। गहलोत ने कहा कि उन्हें आमजन की सेवा करने की प्रेरणा गांधी दर्शन से ही मिली। गांधीजी के विचारों ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया। पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव पारित करवाकर गांधीजी के जन्मदिवस 2 अटूबर को पूरे विश्व में अहिंसा दिवस घोषित करवाया। राज्य सरकार ने जनमानस में गांधीवादी विचारधारा का समावेश करने के लिए सत्य और अहिंसा विभाग की स्थापना की गई है।

लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अहम

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गहलोत ने कहा कि विविधताओं से परिपूर्ण हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी का स्थान महत्वपूर्ण है। असहमति जताने के अधिकार को संरक्षित करने से ही लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होती है। राज्य सरकार ने तथ्यात्मक आलोचना का हमेशा स्वागत किया है। परन्तु वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों में अभिव्यक्ति का अधिकार लगातार कमजोर किया जा रहा है। केन्द्र सरकार की आलोचना करने वाले अनेक साहित्यकार व लेखक जेलों में है।

राज्य में कोविड महामारी के दौरान किया शानदार प्रबंधन

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी में राज्य ने शानदार प्रबंधन किया। यहां के भीलवाड़ा मॉडल की देशभर में सराहना हुई। केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी मे ड्यूटी में प्राण गंवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को आर्थिक सहायता का प्रावधान किया, लेकिन राज्य सरकार ने कोरोना महामारी में ड्यूटी करते हुए प्राण गंवाने वाले स्वास्थ्य-कर्मियों के साथ-साथ सभी कर्मचारियों व पत्रकारों को भी 50 लाख रुपए का बीमा देने का निर्णय किया। कोई भूखा ना सोए के संकल्प के साथ राज्य में सभी जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया। प्रदेश में सर्वेक्षण के माध्यम से 35 लाख अति निर्धन लोगों की पहचान कर उनके निर्वहन की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई। राज्य सरकार द्वारा कोविड महामारी में महंगे इंजेक्शन व दवाइयां आमजन को नि:शुल्क उपलब्ध करवाई गई। ऑसीजन की कमी से राज्य में कोई जनहानि नहीं हुई। रोज कमाकर खाने वाले मजदूरों, ठेले वालों आदि को राज्य सरकार द्वारा 5500 रूपए की आर्थिक सहायता दी गई।

जनकल्याणकारी योजनाओं की चर्चा की

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गहलोत ने कहा कि राजस्थान में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की आज पूरे देश में चर्चा है। चिरंजीवी योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। इस योजना के तहत प्रदेशवासियों के लिए 10 लाख तक का इलाज नि:शुल्क कर दिया गया है। लीवर ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट, कोलियर इप्लांट आदि जटिल उपचारों में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है। प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा से जोडऩे के क्रम में 1 करोड़ से अधिक लोगों को पेंशन दी जा रही है। इन्दिरा रसोई योजना में 8 रूपए में आमजन को पौष्टिक भोजन उपलध कराया जा रहा है। राज्य सरकार के कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया गया है, साथ ही उन्हें कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं उपलध कराने के लिए आरजीएचएस योजना शुरू की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समानित पत्रकारों, जनसपर्क कर्मियों और साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने विचारों और लेखन से समाज में उत्कृष्ट योगदान दिया है।

वैचारिक प्रदूषण व नफरत खतरनाक : डॉ लोकेश मुनि

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समारोह की अध्यक्षता कर रहे अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैनाचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि हिंसा और आतंक किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होने कहा कि किसी भी देश की प्रगति व विकास के लिए अहिंसा ही एक मात्र रास्ता है। समाचार पत्र को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ बताते हुए उन्होने माणक अलंकरण से समानित प्रतिभाओं को बधाई दी। इससे पूर्व दैनिक जलतेदीप व राजस्थानी मासिक ‘माणकÓ के प्रधान सपादक पदम मेहता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए माणक अलंकरण की यात्रा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर राजस्थान युवा समिति के संस्थापक हिमांशु शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साफा पहनाकर स्वागत करते हुए राजस्थानी को राजभाषा घोषित करने की मांग का ज्ञापन सौंपा। जिस पर मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।

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