
जयपुर। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-19, महानगर प्रथम ने छात्र जीवन में राजस्थान विश्वविद्यालय के सामने बल्वा करने और रास्ता जाम करने के आरोप में वर्तमान में लाडनूं विधायक मुकेश भाकर और शाहपुरा विधायक मनीष यादव सहित कुल 9 आरोपितों को एक साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर 3200 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्तों को डेढ़ माह अतिरिक्त जेल में रहना पडेगा। अदालत ने सजा सुनाने के बाद सभी अभियुक्तों को अपील पेश करने के लिए समय देते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। पीठासीन अधिकारी परिक्षिता देथा ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार और जेएलएन मार्ग पर यातायात बाधित कर बल्वा व लोकमार्ग में बाधा का अपराध कारित किया है।
ऐसे में अभियुक्त मुकेश भाकर, द्रोण यादव, भानू प्रताप सिंह, अभिषेक चौधरी, राजेश मीणा, रवि किराड उर्फ रविकांत, वसीम खान, मनीष यादव और विद्याधर मील को आईपीसी की धारा 147 और 283 के तहत दोषसिद्ध किया जाता है। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि 13 अगस्त, 2014 को एसआई ओमप्रकाश ने गांधीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से बिना नंबर की जीप को पकड़ने की सूचना पर वह विश्वविद्यालय गया था। वहां छात्र नेता राजेश मीणा और द्रोण यादव सहित अन्य विश्वविद्यालय ज्ञापन देने आए थे।
करीब दो बजे आरोपितों के नेतृत्व में एनएसयूआई के करीब दो सौ छात्र विश्वविद्यालयके बाहर नारेबाजी कर सीसेट का विरोध कर रहे थे। इन्होंने अचानक दौडकर जेएलएन मार्ग जाम कर दिया। आरोपितों ने करीब 20 मिनट तक रोड जाम कर यातायात अवरुद्ध कर दिया। इसके बाद छात्रों को हटाकर रास्ता खुलवाया गया। रिपोर्ट पर जांच के बाद पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान अभियुक्तों ने अपने आप को निर्दोष और मामला राजनीति से प्रेरित बताया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सभी नौ अभियुक्तों को सजा और जुर्माने से दंडित किया है।