
केंद्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश किया है। इस बार अंतरिम बजट पेश किया गया है। इस बजट में उन्होंने सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया गया है। इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि आयात शुल्क सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों की कर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वहीं, 2014 के बाद से कर दाखिल करने वालों की संख्या 2.4 गुना बढ़ गई है और डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन तीन गुना हो गया है। टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग का समय वित्त वर्ष 2014 के 93 दिनों से घटाकर 10 दिन कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि टैक्स रिफंड में भी तेजी देखने को मिली है।
कम होगा राजकोषीय घाटा

सरकार ने राजकोषीय घाटा को कम करने के लिए एक लक्ष्य स्थापित किया है। इसको लेकर बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार 2025-26 में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत तक कम करने के लिए राजकोषीय सुदृढ़ीकरण की राह पर आगे बढ़ रही है। इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का कर आधार वित्त वर्ष 2014 से दोगुना से अधिक हो गया है।
कितना है टैक्स स्लैब
अगर हम टैक्स स्लैब की बात करें तो बता दें कि पिछले बजट में सरकार ने नई टैक्स रिजीम लागू की थी। इस रिजीम में करदाता को 3 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा आयकर अधिनियम की धारा 87ए के तहत वेतनधारक 7.5 लाख रुपये औरअन्य लोग 7 लाख रुपये सालाना इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। वहीं पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है। वहीं, आयकर अधिनियम की धारा 87ए के तहत 5 लाख रुपये तक की इनकम पर भी टैक्स छूट का लाभ पा सकते हैं।
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