अब भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी उम्मीद से बेहतर होगी: केकी मिस्त्री

नई दिल्ली। एचडीएफसी लिमिटेड के सीईओ केकी मिस्त्री का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे खराब समय गुजर चुका है। अब अर्थव्यवस्था में रिकवरी उम्मीद से बेहतर रहेगी। उन्होंने कहा कि दिसंबर तिमाही में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले ज्यादा ग्रोथ रहेगी। मिस्त्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपना लचीलापन दिखा दिया है।

अभी ब्याज दरें बढ़ने की संभावना नहीं

ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन संवाद में केकी मिस्त्री ने कहा कि अभी ब्याज दरें इसी स्तर पर बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी और महंगाई का दबाव आने के बाद ही दरों में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, केकी ने कहा कि ब्याज दरें अपने निचले स्तर पर आ गई हैं। एआईएमए की ओर से जारी बयान में केकी ने कहा है कि सरकार को नौकरियां पैदा करने वाले सेक्टर्स की पहचान करनी चाहिए। साथ ही इन सेक्टर्स की समस्याओं का प्राथमिकता के साथ समाधान करना चाहिए।

हाउसिंग-रियल एस्टेट सेक्टर की वर्कफोर्स को प्रशिक्षण की जरूरत

मिस्त्री ने कहा कि कृषि के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में हाउसिंग और रियल एस्टेट सेक्टर सबसे बड़े नौकरी देने वाले सेक्टर हैं। इन सेक्टर की 80 फीसदी वर्कफोर्स को प्रशिक्षण की जरूरत है। उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी प्राथमिकता से मदद देने की बात कही। हाउसिंग एंड रियल एस्टेट सेक्टर में रि-पेमेंट के मुद्दे पर मिस्त्री ने उम्मीद जताई कि नॉन-परफॉर्मिंग लोन सिंगल डिजिट में रहेंगे।

कोविड-19 के कारण लो-इनकम वालों की नौकरी गई

केकी मिस्त्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण लो-इनकम वाले वर्कर्स की ज्यादा नौकरियां गई हैं। जिन लोगों ने कर्ज ले रखा है उनकी संख्या चिंताजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि इंडिविजुअल एनपीए लोन की रेंज 2.5 से 4 फीसदी के बीच रह सकती है। यह लोग आरबीआई की ओर से मंजूर की गई रिस्ट्रक्चर स्कीम के तहत लोन की अवधि बढ़वा सकते हैं।

दूसरा लॉकडाउन बर्दाश्त नहीं कर सकता भारत

मिस्त्री के कहा कि उनका ऑप्टीमम इस बात पर निर्भर करता है कि सर्दियों में कोरोना का दोबारा संक्रमण होगा या नहीं। फिर भी उन्होंने कहा कि सरकार इस बात से वाकिफ है कि भारत दूसरा लॉकडाउन बर्दाश्त नहीं कर सकता है। मिस्त्री ने कहा कि नौकरी पैदा करना और लोगों के हाथ में पैसा पहुंचाना सरकार की दो सबसे बड़ी प्राथमिकता रहनी चाहिए।