
आगरा के एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल में ब्रिटिश कंपनी के जेटपैक सूट का परीक्षण
अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बाद भारत के पास होंगे जेटपैक सैनिक
नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में सामरिक मजबूती के मकसद से भारतीय सेना ने एक ब्रिटिश कंपनी के जेटपैक सूट का परीक्षण शुरू कर दिया है। हाल ही में भारतीय सेना के आगरा स्थित एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल (एएटीएस) में इस सूट का प्रदर्शन किया गया। सेना ने विशेष परिस्थितियों में सीमा पर तैनाती के लिए 48 जेटपैक सूट खरीदने का फैसला किया है। सेना को जेटपैक सूट मिलने के बाद भारतीय सैनिक सीमावर्ती और दुर्गम क्षेत्रों में एक जगह से उड़कर दूसरी जगह जा सकेंगे।
भारतीय सेना ने अपनी सूची में हाईटेक उपकरण शामिल करने के लिए 48 जेटपैक सूट खरीदने के लिए 24 जनवरी को निविदा जारी की थी। यह खरीद आपातकालीन प्रावधानों और फास्ट-ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत की जानी है। इस कंपनी ने जेटपैक सूट विकसित किये हैं, जिनका परीक्षण सेना के आगरा स्थित एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल (एएटीएस) में किया गया है। जेटपैक सूट का परीक्षण ऐसे समय में हो रहा है, जब भारतीय सेना मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ लगभग 3,500 किमी. लम्बी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ अपने निगरानी तंत्र को बढ़ा रही है।
आगरा के एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल में ब्रिटिश कंपनी ग्रेविटी इंडस्ट्रीज के संस्थापक रिचर्ड ब्राउनिंग ने अपनी कंपनी के जेटपैक सिस्टम का प्रदर्शन किया है। परीक्षण वीडियो में ब्राउनिंग को जेटपैक सूट पहनकर हवा में आसानी से नेविगेट करते हुए देखा जा सकता है। निविदा के मुताबिक जेटपैक सूट बनाने वाली कंपनी को कम से कम दस साल के लिए इनका रखरखाव प्रबंधन भी करना होगा। सैन्य अधिकारियों के अनुसार यह उत्पाद ”मेक इन इंडिया” प्रावधानों के तहत सेना को आपूर्ति किये जाएंगे।