
नई दिल्ली। टीचिंग फील्ड में करियर बनाने की सोच रहे युवाओं के लिए काम की अपडेट है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन की ओर से एक वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को फिर से शुरुआत करने की अनुमति दे दी है। दरअसल, हाल ही में NCTE की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग आयोजित की गई थी, जिसमें बीएड के एक साल के पाठ्यक्रम को दोबारा शुरू करने सहित कई अन्य अहम फैसलों पर चर्चा हुई थी। इसके बाद, 10 साल पहले बंद हुए 1 साल का B.Ed पाठ्यक्रम को फिर से शुरू करने पर सहमति बनीं। हालांकि, इसके साथ कुछ शर्तें भी लागू की गई हैं। इसके मुताबिक, एक वर्षीय पाठ्यक्र में केवल, वही छात्र-छात्राएं कर सकेंगे, जिन्होंने चार का ग्रेजुएशन प्रोगाम पूरा किया हो। इसके अलावा, पीजी डिग्री धारक को भी एक साल के बैचलर ऑफ एजुकेशन कोर्स में दाखिला लेने की अनुमति होगी।
इसके साथ ही, दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को बंद करने की भी प्लानिंग है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनसीटीई ने 2024 से दो वर्षीय बीएड कोर्स की मान्यता देना बंद कर दिया है। वहीं, 2030 तक दो वर्षीय बीएड समाप्त हो जाएगा। बता दें कि, अभी तक देश भर के कॉलेजों में कैंडिडेट्स B.Ed के दो वर्षीय पाठ्यक्रम में दाखिला ले रहे हैं, लेकिन अब फिर से एक साल वाले कोर्स की शुरुआत होने से कैंडिडेट्स को फायदा मिलेगा। साथ ही, उनके समय की बचत हो सकेगी। गौरतलब है कि, बीएड डिग्री के संबंध में साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया था।
देश की सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त 2023 के अपने फैसले में कहा था कि, केवल बीटीसी ( डीएलएड ) डिप्लोमा धारक ही प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के पात्र होंगे। इसका मतलब यह था कि, पहली से 5वीं कक्षा तक की कक्षा पढ़ाने के लिए बीएड अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे। इस डिग्री धारक को केवल छठवीं से आठवीं तक की कक्षाओं में पढ़ाने के योग्य माना गया है। इसके अलावा, हाल ही में यूनिवर्सिटीज और अन्य हॉयर एजुकेशन इंस्ट्टीयूट में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती और प्रमोशन को लेकर भी नियम बदले गए हैं। इसके मुताबिक, अब असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए एमटेक और एमई डिग्री वाले बिना नेट के भी आवेदन कर सकते हैं।