
तेहरान। ईरान ने आज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की परमाणु वार्ता की उम्मीद पर यह कहकर पानी फेर दिया कि वाशिंगटन से इसके लिए किसी भी प्रकार का निमंत्रण नहीं मिला है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने कहा कि अमेरिका से बैठक के लिए अब तक कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे में बातचीत की बात का दावा निराधार है।
न्यूज एजेंसी मेहर की खबर के अनुसार, ईरान ने सीधे-सीधे तेहरान और वाशिंगटन के बीच परमाणु वार्ता के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के किए गए दावों को खारिज कर दिया है। वरिष्ठ ईरानी राजनयिक इस्माइल बाघेई ने कहा कि ईरान ने अमेरिकी पक्ष से बैठक के लिए कोई अनुरोध नहीं किया है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार रात दावा किया था कि अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता फिर से तय कार्यक्रम पर होगी। यह बैठक नॉर्वे के ओस्लो में होगी। ट्रंप ने कहा था कि वह बातचीत करना चाहते हैं। इस्माइल ने कहा है कि इजराइल ने 13 जून को ईरान के खिलाफ आक्रामक युद्ध छेड़ा और 12 दिन तक सैन्य, परमाणु और आवासीय क्षेत्रों पर हमला किया। अमेरिका ने 22 जून को ईरान के नतांज, फ़ोर्डो और इस्फहान में तीन परमाणु स्थलों पर सैन्य हमले किए।
उन्होंने कहा कि ईरानी सैन्य बलों ने शक्तिशाली जवाबी हमले किए। अमेरिकी हमलों के जवाब में ईरानी सशस्त्र बलों ने कतर में अल-उदीद एयर बेस पर मिसाइलों की बौछार की। 24 जून को लागू हुए युद्ध विराम की वजह से लड़ाई को रोक दिया गया है।
इस बीच इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अब्दुलरहीम मौसवी ने कतर के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के सलाहकार खालिद बिन मोहम्मद अल अत्तियाह के साथ फोन कॉल में ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन करने वाले हमलावरों की निंदा करने में कतर सरकार के मूल्यवान रुख के लिए आभार व्यक्त किया है। मौसवी ने कहा कि कतर उन देशों में से एक है जिसने उत्पीड़ित फिलिस्तीनी लोगों के संघर्ष का दृढ़ता से समर्थन किया है।