उफ ये गर्मी : इस बार गर्मी कर सकती है बेहाल

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हीट स्ट्रोक खतरनाक, ये करेंगे उपाय तो पास नहीं फटकेगी गर्मी

अप्रैल ने अभी अपने अंतिम सप्ताह में प्रवेश भी नहीं किया है है कि पूरा उत्तर भारत गर्मी से बुरी तरह झुलस रहा है। ज्यादातर स्थानों पर तापमान चालीस डिग्री पहुंच गया है। वहीं, राजस्थान की बात करें तो यहां के कई जिलों का तापमान 40 पार कर गया है। गर्मी बढऩे के साथ ही हीट स्ट्रोक का जोखम अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में गर्मी से बचने के साथ ही इसके उपाय भी जरूरी हैं, वरना जरा सी लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है। चिकित्सकों की मानें तो इस भीषण गर्मी में बच्चों को घर से बाहर निकलने से रोकें। यदि किसी जरूरी कार्य से घर से बाहर जाना भी पड़े तो सुरक्षा के इंतजाम करके ही निकलें। जैसे सिर पर सूती कपड़ा ढककर, बार-बार पानी या ज्यूस पीते रहें।

जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती गर्मी और इसके दुष्प्रभावों को जानने के लिए कैंब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में गंभीर बातें सामने आईं हैं। इसमें शोधकर्ताओं ने भारत के 90 फीसदी से अधिक हिस्से को श्डैंजर ज़ोनश् में चिन्हित किया है। विशेषरूप से दिल्ली में गर्मी.हीट स्ट्रोक के जोखिमों को लेकर लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।

शोधकर्ताओं ने किया अलर्ट

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कैंब्रिज विश्वविद्यालय के अध्ययन के अनुसार हीटवेव न सिर्फ सेहत के लिए चुनौती खड़ी कर रहा है साथ ही इसका असर देश के सतत विकास पर भी देखा जा रहा है। हीटवेव ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों ;एसडीजीद्ध को प्राप्त करने की दिशा में भारत की प्रगति को बाधित किया है। पिछले पांच दशकों में हीटवेव के कारण 17 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है।

अध्ययन के अनुसार चुनौती अब और भी गंभीर होती जा रही है। अगर जलवायु परिवर्तन की दिशा में कोई ठोस कदम न उठाए गए और हालात ऐसे ही जारी रहे तो यह भविष्य के लिए गंभीर संकट पैदा करने वाली स्थिति भी हो सकती है।

हीटवेव-हीट स्ट्रोक के बारे में जानिए

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हीटवेव यानी लू के कारण हीट स्ट्रोक होने का जोखिम बढ़ जाता है। हीटस्ट्रोक को जानलेवा स्थिति माना जाता हैए इसमें शरीर का तापमान 104 डिग्री फ़ारेनहाइट ;40 डिग्री सेल्सियसद्ध से ऊपर हो जाता है। आमतौर पर हमारा शरीरए पसीने के उत्पादन की मदद से शरीर के ताप को संतुलित रखता हैए पर अत्यधिक गर्मी.धूप के कारण कई बार पसीने के तंत्र में बाधा आ जाती है जिसके कारण शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है।

हीट स्ट्रोक की स्थिति में 104 डिग्री से अधिक बुखार होनेए त्वचा में सूखापन और पसीना न होनेए संतुलन की समस्याए चक्कर आनेए हृदय गति बढऩेए उल्टी.दस्त की दिक्कतें हो सकती हैं। कुछ लोगों में हीट स्ट्रोक ब्रेन डैमेज और मौत का भी कारण बन सकता है।

हीट स्ट्रोक हो जाए तो क्या करें

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यदि आप अधिक धूप.गर्मी में रहते हैं और हीट स्ट्रोक जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें। शरीर को ठंडा रखने का प्रयास करेंए इलाज में भी इसपर विशेष ध्यान दिया जाता है। शरीर में पानी की कमी न होने देंए डिहाइड्रेशन आपके जोखिमों को बढ़ा सकता है। गर्दनए कमर और बगल में आइस पैक लगाएं। गर्मी के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए ओआरएस का घोल या नमक.चीनी पानी का घोल थोड़ी.थोड़ी देर पर लेते हैं। इन उपायों से भी आराम न मिले तो अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।

हीटवेव से बचाव जरूरी

  • स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैंए जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है सभी लोगों को धूप से बचाव और शरीर को ठंडा रखने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए, ऐसा करके आप हीट-स्ट्रोक से बच सकते हैं।
  • दोपहर के समय घर से बाहर जाने से बचें।
  • हल्के रंग के और ढीले कपड़े पहनें।
  • पानी और अन्य स्वास्थ्यवर्धक तरल पदार्थों का सेवन करते रहें।
  • बच्चों और पालतू जानवरों को बंदए गर्म स्थानों जैसे कारों में कभी न छोड़ें।
  • दिन के समय धूप में बाहर निकलने से बचें, अगर जरूरत पड़ रही है तो शरीर के अच्छे से कवर करके निकलें।

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