
प्रो. विजय कुमार ने दिए मोशन के विद्यार्थियों के सवालों के जवाब
कोटा। एशियन फिजिक्स ओलंपियाड (एपीएचओ) के समन्वयक और जीईएचयू, देहरादून के भौतिकी विभाग के प्रमुख प्रो. विजय कुमार ने कहा कि ओलंपियाड परीक्षाएं देने से विद्यार्थियों को जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के स्तर का पता तो चलता ही है, अपने ज्ञान और तर्कशक्ति जैसी क्षमताओं की जांच का मौका भी मिलता है। ओलंपियाड में पूछे जाने वाले प्रश्नों को हल करने के लिए कंसेप्ट्स की अच्छी समझ बहुत ज़रूरी है, ऐसे में इन परीक्षाओं की तैयारी करने से विद्यार्थियों का शैक्षिक स्तर काफी बढ़ जाता है। ओलंपियाड जैसी परीक्षाओं से मिलने वाले पुरस्कारों और सर्टिफिकेट्स की बड़ी मान्यता होती है।
नियुक्ति पर बधाई दी
डॉ. विजय कुमार सोमवार को मोशन एजुकेशन के दक्ष कैंपस में विद्यार्थियों के लिए आयोजित प्रेरक सत्र के दौरान संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मोशन के ज्वाइंट डायरेक्टर और नीट डिवीजन के हेड अमित वर्मा, फाउंडेशन डिवीजन का हेड मुकेश गौड़ और नीट के अन्य फेकल्टीज ने उनका स्वागत किया और एशियाई भौतिकी ओलंपियाड (एपीएचओ) के समन्वयक के रूप में उनकी हालिया नियुक्ति पर बधाई दी।
पढाई के क्षेत्र में ओलिम्पियाड एग्जाम होते हैं

डॉ. विजय कुमार ने बताया कि जैसे पूरी दुनिया के खिलाडियों के लिए ओलंपिक खेल होते हैं, वैसे ही पढाई के क्षेत्र में ओलिम्पियाड एग्जाम होते हैं। इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी के ओलिंपियाड मुख्य हैं। यह पहले नेशनल और फिर इंटरनेशनल लेवल पर होते है। इस परीक्षा में बारहवीं तक के विद्यार्थी भाग ले सकते है। ओलंपियाड परीक्षा सरकारी के अलावा कुछ प्राइवेट इंस्टिट्यूट द्वारा भी करवाई जाती है।
सरकारी क्षेत्र में भारत में वर्ष 1989 से हर साल होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन के तहत ओलंपियाड का आयोजित कराया जाता है। इस परीक्षा में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों को दो चरण से गुजरना होता है। इसके बाद इंटरनेशनल ओलंपियाड के लिए तीसरे लेवल पर एग्जाम्स होते हैं। ओलंपियाड परीक्षा की तैयारी के बारे में उन्होंने बताया कि विद्यार्थी लेटेस्ट सिलेबस देखें और उसे ध्यान में रखकर स्टडी प्लान बनाएं। कंसेप्ट्स को रटें नहीं बल्कि समझें और ध्यान से पढ़ें। रिवीजन करने के लिए नोट्स बनाकर रखें। पुराने पेपर्स और मॉक टेस्ट हल करें। प्रत्येक विषय को बराबर टाइम दें। आप जिस विषय या टॉपिक में कमजोर हैं, उसे सबसे पहले हल करें और सबसे ज्यादा टाइम दें।
प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड के लिए पहला चरण आईएपीटी द्वारा भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, खगोल विज्ञान, जूनियर विज्ञान में आयोजित राष्ट्रीय मानक परीक्षा (एनएसई) है। एनएसई परीक्षा के बाद, योग्य छात्रों के लिए अगला कदम संबंधित विषयों में इंडियन नेशनल ओलंपियाड (आईएनओ) परीक्षा है। आगे के सभी चरण होमी भाभा सर्टिफिकेट फॉर साइंस एजुकेशन (एचबीसीएसई), मुंबई द्वारा संचालित किए जाते हैं। राष्ट्रीय मानक परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को सीबीएसई कक्षा 11 और कक्षा 12 के पाठ्यक्रम का अध्ययन करना चाहिए। जो उम्मीदवार एनएसईपी परीक्षा देना चाहते हैं, उन्हें पहले आईएपीटी की आधिकारिक वेबसाइट से रजिस्ट्रेशन फॉर्म डाउनलोड करना होगा। पंजीकरण दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद आवेदक अपना नाम, पता और शैक्षणिक योग्यता जैसे आवश्यक विवरण भरे जाते हैं। राष्ट्रीय मानक परीक्षा (एनएसई) हर साल लगभग 1,500 केंद्रों पर होती है और दो लाख से अधिक छात्र इस परीक्षा में भाग लेते हैं। इसका आयोजन अंग्रेजी, हिंदी और कुछ अन्य भारतीय भाषाओं में भी किया जाता है।
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