पिथोरा पेंटिंग पर ऑनलाईन कार्यशाला का होगा आयोजन

जयपुर। भारत और राजस्थान की आर्टिस्ट कम्यूनिटी ‘द सर्किल‘ के लिये गुरूवार, 16 सितम्बर को दोपहर 3 बजे पिथोरा पेंटिंग पर ऑनलाईन कार्यशाला का निःशुल्क आयोजन किया जायेगा। इस वर्कशॉप का संचालन जयश्री एस माहापात्रा करेंगी। वर्कशॉप का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव – सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75 के तहत राजस्थान स्टूडियों की सहायता से किया जा रहा है।

वर्कशॉप में जयश्री प्रतिभागी कलाकारों को पिथोरा पेंटिंग के बारे में जानकारी देंगी और वुडन कोस्टर पर पशुओं की आकृति बना उनमें एक्रिलिक पेंट्स भरना सिखायेंगी। बाद में इन पेंटिंग्स को घरों को सुसज्जित करने के काम में लिया जा सकेगा। जयश्री महापात्रा बैंगलोर से हैं। वे अनेक वर्षों से आर्ट फैसिलिटेटर और एजुकेटर के रूप में सक्रिय हैं। उन्होंने बच्चों और बड़ों के लिए अनेक कार्यशालाओं का संचालन किया है। उन्होंने मुख्य रूप से ऐक्रेलिक, ऑयल, चारकोल, पेन, ऑयल पेस्टल, क्ले, वॉटर कलर आदि जैसे मिडियम के साथ कार्य किया है। वे फेविक्रिल एक्सपर्ट प्रोफेशनल होने के साथ-साथ ग्लोबल आर्ट इंटरनेशनल स्टाइल में भी प्रशिक्षित हैं।

पिथोरा एक अनोखी आदिवासी चित्रकला शैली है जो मूल रूप से गुजरात के राठवा जनजाति और राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में बनाई जाती है। घर की दीवारों पर चूने की पुताई करने के बाद यह पेंटिंग बनाई गई है। पिथोरा पेंटिंग इन जनजातियों के लिये कला स्वरूप से अधिक एक अनुष्ठान के समान है। ये अनुष्ठान किसी मनोकामना प्राप्ति के लिए, ईश्वर को धन्यवाद देने, इच्छा पूर्ति को सेलिब्रेट करने के लिए किया जाता है। इन पेंटिंग को बनाने के लिए चमकीले रंगों का उपयोग किया जाता है।

द सर्किल कम्यूनिटी के बारे मेंः स्लो मो एक्सपीरियंसेज द्वारा ‘द सर्किल कम्यूनिटी‘ की शुरूआत कलाकारों की इनवाइट-ओनली कम्यूनिटी के तौर पर की गई है। लगभग 1 घंटे से अधिक समय के लिये आयोजित इन निःशुल्क सत्रों एवं कार्यशालाओं में समान विचारधारा वाले कलाकार ना केवल गहन कलात्मक वार्ता करते हैं बल्कि विभिन्न कला स्वरूपों को सीखने एवं साझा करने और आत्म-निरीक्षण के उद्देश्य से एक मंच पर एकत्र होते हैं।

सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75ः बुलाये भारत (इंडिया कॉलिंग) के बारे मेंः*भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर, ‘इंडिया चौक‘ पहल के तहत स्लो मो एक्सपीरियंसेज द्वारा भारत की पारम्परिक कलाओं का जश्न बनाया जा रहा है। भारत के राष्ट्र निर्माण के लिए किये गये इस प्रयास के तहत वर्चूअल इंडियन आर्ट एक्सपीरियंस ‘बुलाये भारत‘ (इंडिया कॉलिंग) के माध्यम से 15 अगस्त 2021 से 15 अगस्त 2022 तक देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से चुने हुए पारम्परिक कलाकारों को शामिल किया जा रहा है। विशेष रूप से क्यूरेट किए गए इस वर्चुअल आर्ट एक्सपीरियंस में पेंटिंग पर आधारित 44 और शिल्प पर आधारित 31 कला शैलियों को प्रस्तुत किया जा रहा है। इनके अतिरिक्त 26 अन्य महत्वपूर्ण स्थानीय कला शैलियों को भी इसमें शामिल किया गया है।

राजस्थान स्टूडियोः राजस्थान स्टूडियो विश्व का प्रथम एवं एकमात्र अनोखा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो राजस्थान के मास्टर आर्टिजंस के मार्गदर्शन में विभिन्न कला शैलियों का हैण्डस्-ऑन एक्सपीरियंस प्रदान कराता है। राजस्थान स्टूडियो व्यक्तिगत एवं कॉर्पोरेट वर्कशॉप्स के माध्यम से कला-प्रेमियों, देशी-विदेशी यात्रियों, पेशेवरों एवं विद्यार्थियों को राज्य एवं केन्द्र सरकार, ललित कला अकादमियों से पुरस्कृत एवं पद्मश्री जैसे सम्मानित अवार्ड प्राप्त कर चुके राजस्थान के कारीगरों से जोड़ता है।