कोरोना वैक्सीन को 15 अगस्त पर लांंच करने पर विपक्ष का हमला

कहा-आईसीएमआर ऐसा सरकार को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए कर रहा

नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा 15 अगस्त तक कोरोना वायरस महामारी की वैक्सीन को लांच करने की बात पर विवाद शुरू हो गया है। विपक्ष और विशेषज्ञों ने इसको लेकर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों ने भारत के शीर्ष चिकित्सा निकाय की विश्वसनीयता को धूमिल करने का आरोप लगाया है। वहीं, विपक्ष ने कहा कि आईसीएमआर ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए कर रहा है।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव की एक चिट्ठी पर काफी सवाल खड़े हो रहे हैं। इस चिट्ठी मे उन्होंने 12 अस्पतालों के प्रमुखों को निर्देश दिया था कि कोविड-19 का मानव परीक्षण सात जुलाई तक पूरा कर लिया जाए अन्यथा इसे आदेश की अवहेलना माना जाएगा। 
डॉ भार्गव का कहना है कि क्लीनिकल ट्रायल जल्द से जल्द पूरा हो जाए जिससे 15 अगस्त को विश्व का पहला कोरोना वैक्सीन दिया जा सके। विशेषज्ञों ने कहा है कि 15 अगस्त तक वैक्सीन बनाना संभव नहीं है। ऐसे निर्देशों ने भारत की शीर्ष मेडिकल शोध संस्था आईसीएमआर की छवि को धूमिल किया है। 

विशेषतज्ञों ने उठाए सवाल

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के पूर्व सचिव के सुजाता राव ने कहा, महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात है, लेकिन टीका की सुरक्षा और प्रभाव की कीमत पर नहीं। यह 2021 के बजाय 2020 तक वैक्सीन तैयार करने की बात कहना एक टाइपिंग मिस्टेक है। अगर ऐसा नहीं है तो यह गंभीर मामला है क्योंकि प्रस्तावित कोरोना वैक्सीन 15 अगस्त तक अधूरे डेटा के जरिए तैयार हो सकती है। इसके लिए कोई और रास्ता नहीं है।
विषाणु वैज्ञानिक उपासना राय ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि कोविड-19 के टीके में क्या हम बहुत ज्यादा जल्दबाजी कर रहे हैं। सीआईएसआर-आईआईसीबी कोलकाता में वरिष्ठ वैज्ञानिक रे ने कहा, हमें सावधानी से आगे बढऩा चाहिए। इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता देना अति आवश्यक है।

आईसीएमआर ने दी सफाई

आईसीएमआर ने विपक्ष और मेडिकल विशेषज्ञों द्वारा उठाए गए सवाल पर सफाई देते हुए कहा कि भारतीय लोगों की सुरक्षा और उनका हित सबसे बड़ी प्राथमिकता है। अपने संदेश का बचाव करते हुए आईसीएमआर ने शनिवार को कहा, लाल फीताशाही से स्वदेशी परीक्षण किटों पर सहमति में बाधा न हो साथ ही प्रक्रिया को धीमी गति से अछूता रखने के लिए यह पत्र लिखा गया था।