
जयपुर । भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद जयपुर ग्रमीण कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आज अलवर में कृषि बिल के समर्थन में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कांग्रेस सिर्फ अपना वजूद बचाने के लिए कृषि बिलो का विरोध कर रही है और देश में अराजकता फैलाने का काम कर रही है किसान आंदोलन में कुछ माओवादी और नक्सलवादी भी घुसे हुए हैं लजो समझौता नहीं होने दे रहे।
उन्होंने कहा कृषि बिल किसानों के हित में है, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम है। स्वामीनाथन कमेटी ने कहा था कि जो लागत है उससे 50 प्रतिशत उपर एमएसपी होनी चाहिए यह प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार है जिसने डेढ़ गुणा उपर किसान को एमएसपी दी है। जमींन हडपने की बात को लेकर कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि कानून में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार की डील में जमीन को शामिल नहीं किया जाऐगा।
कर्नल राज्यवर्धन ने किसानों से कहा कि केन्द्र सरकार ने कुछ महिनों पहले ही गेहूं पर प्रति क्वींटल 50 रूपये और जौं पर 225 रूपये प्रति क्वींटल एमएसपी बढ़ाई है। उन्होंने बताया कि आंकडो के अनुसार 201&-14 में यूपीए के समय गेहूं पर 1400 रूपये और जौं पर 1100 रूपये एमएसपी थी। आज 2020-21 में मोदी सरकार के कार्यकाल में गेहूं पर 1970 और जौं पर 1600 रूपये एमएसपी है। किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी को समाप्त कर दिया जाएगा, जबकि यह संभव ही नहीं है क्योंकि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के एक्ट के अनुसार सरकार को खरीदना ही पड़ता है। कोरोना काल में सरकार ने देश की 80 करोड़ जनता को राशन दिया है यह तब ही संभव है जब सरकार एमएसपी पर अनाज खरीदेगी। प्रेस वार्ता के दौरान कर्नल राज्यवर्धन के साथ जिलाध्यक्ष भाजपा अलवर दक्षिण संजय सिंह नरुका, जिलाध्यक्ष अलवर उत्तर बलवान सिंह यादव, जिला संगठन प्रभारी विष्णु चेतानी, पूर्व मंत्री हेम सिंह भड़ाना, पूर्व विधायक बनवारीलाल सिंघल, पूर्व विधायक जयराम जाटव, विधानसभा प्रत्याशी रामकिशन मेघवाल, जिला मंत्री दीपक पंडित आदि मौजूद रहे गूंता शाहपुर पहुंचकर किसान चैपाल में लिया भाग, किसानों ने किया मोदी सरकार के कृषि बिल का स्वागत।
कृषि बिल को लेकर किसानों को सिर्फ भ्रमित किया जा रहा है क्योंकी मोदी सरकार बार-बार सफलता से भारत को मजबूत करती जा रही है जिससे कुछ लोगों के पॉव के नीचे से जमीन खिसक रही है इसलिए उन्हे हर बार लोगों को भड़काने और भ्रमित करने के लिए कोई ना कोई मुद्दा चाहिए।
उन्होंने कहा आश्चर्य की बात है कि इस बिल का विरोध वे लोग कर रहें है जिन्होंने स्वयं कुछ समय पूर्व अपने चुनाव घोषणा पत्र में इस बिल को शामिल किया था। कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि कृषि बिल से यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसान हित ही सर्वोपरि है। मण्डियां चलती रहेगी बिल में यह सुविधा है कि जिसे पुराने सिस्टम से अपनी फसल बेचनी है वह पुराने सिस्टम से बेच सकता है और जिसे नए सिस्टम से बेचनी है वह नये सिस्टम से बेच सकता है, किसान को मण्डियों की बंदिश से मुक्त कर दिया गया है।
इस बिल में युवाओं के लिए रोजगार की भी सुविधा है जो कृषि सबंधित व्यापार सीधे कर सकते हैं, पुराने कानूनों में लायसेंस की आवश्यकता थी जो कुछ लोगों को ही मिलते थे। भाजपा की सरकार अपने पहले कार्यकाल से किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध रही है, किसानों को लुभाने वाली घोषणाओं की बजाए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का जोर किसानों को सशक्त एवं समृद्ध बनाने पर रहा है, सरकार किसानों की 2022 तक आय दुगुनी करने के लक्ष्य को लेकर चल रही है और इसी दिशा में अनेक कदम उठाये हैं। मोदी सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए चलाई गई फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान मान धन योजना, सोयल हैल्थ कार्ड आदि अनेक योजनाओं का लाभ लेकर आज देश का किसान आत्मनिर्भर बन रहा है।