
जोधपुर। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विपक्ष की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अगले 20-25 दिनों में मानसून सत्र शुरू होने वाला है और तब उन्हें सवाल पूछने का पूरा अवसर मिलेगा। शेखावत ने स्पष्ट किया कि सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है।
विपक्ष की ‘ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर शेखावत ने कहा, लोकतंत्र में संसद के दोनों सदनों में सवाल पूछने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के पास ठोस मुद्दे नहीं होते, इसलिए वे ऐसे विवादों को हवा देते हैं ताकि ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकें।
शेखावत ने आगे कहा कि विपक्ष के कुछ नेताओं की बयानबाजी हास्यास्पद है। कभी वे कहते हैं कि पीएम मोदी बोलते बहुत हैं और जब नहीं बोलते तो कहते हैं कि वे चुप रहते हैं। उन्होंने यह सुझाव दिया कि विपक्ष को यह तय कर लेना चाहिए कि वे प्रधानमंत्री से आखिर क्या सुनना चाहते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में उन्होंने कहा भारत के शौर्य और पराक्रम को पूरी दुनिया ने चमत्कृत होकर देखा है।
‘राष्ट्र सुरक्षा पर बोले शेखावत, जासूसी आरोपों की जांच हो केंद्रीय मंत्री ने पूर्व कांग्रेस सरकार के मंत्री सालेह मोहम्मद के निजी सचिव को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए जाने पर टिप्पणी की। शेखावत ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और इसकी गहन जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग राष्ट्र सुरक्षा से खिलवाड़ करते हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
‘ब्रिक्स सम्मेलन पर बोले शेखावत, भारत की भूमिका मजबूत ब्रिक्स में भारत की भागीदारी को लेकर शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में भारत को दुनिया में एक नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा, अब कोई भी अंतरराष्ट्रीय मंच हो, भारत को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। शेखावत ने कहा कि विदेश नीति में भारत के हितों को प्राथमिकता दी गई है और पीएम मोदी की कूटनीतिक रणनीतियों का परिणाम है कि आज भारत हर मंच पर केंद्र बिंदु बना हुआ है।
‘प्रवासी भारतीयों को लेकर शेखावत का बयान शेखावत ने अपने हालिया लंदन दौरे के दौरान प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की और कहा कि प्रवासी भारतीय विदेशों में भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक दूत के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा, प्रवासी भारतीयों ने कई पीढ़ियों के बाद भी अपनी जड़ों और सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़कर भारत की एक मजबूत छवि बनाई है।