विपक्ष का व्यवहार सदन के गरिमा पूर्ण इतिहास पर धब्बा इतिहास इसे कभी माफ नहीं करेगा : संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल

संसदीय कार्य मंत्री  जोगाराम पटेल
संसदीय कार्य मंत्री  जोगाराम पटेल
  • कांग्रेस के व्यवधान के बावजूद मुख्यमंत्री ने प्रभावशाली ढंग से रखा अपना विजन : मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग

जयपुर। संसदीय कार्य मंत्री  जोगाराम पटेल ने कहा कि राजस्थान के गरिमामयी सदन में विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा किया गया व्यवहार सदन के गरिमापूर्ण इतिहास पर एक धब्बा है और इसके लिए इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। जोगाराम पटेल ने विधानसभा में मुख्य सचेतक जागेश्वर गर्ग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत के साथ शुक्रवार को विधानसभा संयुक्त प्रेसवार्ता की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए पटेल ने कहा कि यह पहला मौका है जब प्रतिपक्ष के किसी नेता ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के एक वर्ष के शानदार कार्यकाल या केंद्रीय बजट में की गई ऐतिहासिक घोषणाओं के संबंध में बात करने का विपक्ष साहस नहीं जुटा पाया इसलिए शोर शराबा कर सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाला गया।

पटेल ने कहा कि विपक्ष के पास बोलने के लिए पर्याप्त अवसर होने के बावजूद उन्होंने बेबुनियाद मुद्दे पर सदन को बाधित किया। उन्होंने मात्र कल्पनाओं के आधार पर गैर जिम्मेदाराना रवैया अख्तियार किया। माननीय स्पीकर महोदय द्वारा बार-बार समझाने के उपरांत भी वे अपनी हठधर्मिता से बाज नहीं आए। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने आपसी खींचतान के कारण प्रतिपक्ष के नेता को बोलने का अवसर नहीं दिया। उनके ही एक वरिष्ठ नेता नहीं चाहते थे कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का भाषण हो।

विधानसभा में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि विपक्ष द्वारा लगातार व्यवधान डालने के बावजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूरे जोश और प्रभावपूर्ण तरीके से अपना विजन रखा तथा विपक्ष द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का करारा जवाब दिया। उन्होंने राज्य सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल की शानदार उपलब्धियां तो गिनाई ही, साथ ही केंद्र सरकार द्वारा बजट में की गई घोषणाओं के बारे में भी चर्चा की। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार ने संकल्प पत्र के आधे से अधिक वादे एक वर्ष के कार्यकाल में ही पूरे किए। हमने विकसित राजस्थान के विजन के साथ पिछला बजट प्रस्तुत किया और बजट के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रभारी मंत्रियों और सचिवों को अलग-अलग जिलों में भेज कर बजट घोषणाओं की मॉनिटरिंग और क्रियान्विति को सुनिश्चित करवाया।