
उत्पाद पोर्टफोलियो में 4 नए ड्रोन लांच किए
नई दिल्ली । भारत की रक्षा क्षमता बढ़ाने और मेक इन इंडिया विजन में सहयोग करने के प्रयास के तहत भारत के अग्रणी दूरसंचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण समूह ऑप्टिमस इंफ्राकॉम लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी ऑप्टिमस अनमैन्ड सिस्टम्स (ओयूएस) ने चार उन्नत ड्रोन लांच करने की आज घोषणा की। ऑप्टिकल फाइबर केबल आधारित निगरानी क्षमता के साथ ये ड्रोन- मारक वीटी100, वज्र क्यूसी55, कैनिस्टर लांच्ड लॉइटरिंग म्यूनिशन और फर्स्ट पर्सन व्यू (एफपीवी) रक्षा, निगरानी और टोह लेने के व्यापक क्षेत्र के लिए समाधान प्रस्तुत कर मानवरहित एरियल टेक्नोलॉजी में नवीनतम हैं। इन ड्रोन्स को यशोभूमि द्वारका कनवेंशन सेंटर में मिलिपोल इंडिया एक्जिबिशन 2025 में प्रदर्शित किया जा रहा है।
मारक वीटी100: अधिक ऊंचाई पर सक्षम यह वीटीओएल (वर्टिकल टेक-ऑफ व लैंडिंग) ड्रोन एक एडवांस 30एक्स ईओआईआर (इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल एंड इंफ्रारेड इमेजिंग) कैमरा से युक्त है जिससे हाई रिजोल्यूशन के साथ दिन और रात दोनों में ही निगरानी संभव है। इसकी वीटीओएल क्षमता बिना दौड़े भागे सीमित क्षेत्र में परिचालन सुगम बनाती है। यह ड्रोन तीन घंटे की सहनशक्ति के साथ 20 किलोमीटर की रेंज की पेशकश करता है। उपकरण के साथ इसकी रेंज 50 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है।
वज्र क्यूसी55: उन्नत हवाई निगरानी के लिए डिजाइन यह मल्टीरोटर ड्रोन, दिन और रात के दौरान हाई रिजोल्यूशन दृश्यों को कैद करने के लिए ईओआईआर कैमरा से युक्त है। इसकी वर्टिकल लिफ्ट क्षमता सख्त और सुदूर क्षेत्रों में इसे तुरंत लांच करने और नीचे लाने में सुगम बनाती है। यह ड्रोन 10 किलोमीटर तक की दूरी कवर कर सकता है और 80 मिनट से अधिक समय तक हवा में रह सकता है। महत्वपूर्ण ऑपरेशन के दौरान त्वरित निर्णय करने के लिए यह रीयल टाइम इमेजिंग और एआई एनालिटिक्स से लैस है। निगरानी, टोह लेने और त्वरित कार्रवाई के लिए यह एक प्रभावी टूल है।
कैनिस्टर लांच्ड लॉइटरिंग म्यूनिशनः तीस मिनट की सहनशीलता के साथ यह एक उच्च निष्पादन वाला अटैक ड्रोन है जिसमें 2.5 किलोग्राम का पेलोड है और 30 किलोमीटर की कमांड एंड कंट्रोल रेंज इसे 130 किलोमीटर प्रति घंटे की लॉइटर की गति और 150 किलोमीटर प्रति घंटे की स्प्रिंट की गति में पहुंचाने में सक्षम है। एक स्थिर इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इंफ्रा-रेड गिंबाल्ड पेलोड, एआई चालित ट्रैकिंग और प्रॉपराइटरी फ्लाइट कंट्रोल से युक्त यह दृष्टि रेखा से परे जाकर लक्ष्य साधने में सहयोग करता है। मानवरहित जहाजों, वाहनों या निश्चित स्थान से लांच करने में आसान यह ड्रोन उच्च प्रभाव वाले मिशनों के लिए मल्टी-ट्यूब स्वार्म ऑपरेशंस चला सकता है।
एफपीवी (फर्स्ट पर्सन व्यू) ड्रोन: इन ड्रोन्स को ऑप्टिकल फाइबर केबल का उपयोग कर चलाया जा सकता है। इसकी क्षमता निगरानी की सहूलियत प्रदान करती है जिसे इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं से अवरुद्ध नहीं किया जा सकता। इन ड्रोन्स की रेंज एक दिशा में 20 किलोमीटर तक है और ये आत्मघाती और निगरानी अभियानों के लिए आदर्श हैं। ये एफपीवी ड्रोन पेलोड क्षमता और सहनशीलता के मामले में अलग अलग क्षमताओं की पेशकश करते हैं। इनका एक मॉडल 15 मिनट से अधिक सहनशीलता के साथ एक किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है, जबकि दूसरा मॉडल 30 मिनट की सहनशीलता के साथ 350 ग्राम पेलोड ले जा सकता है।
ओएफसी निगरानी क्षमता हमारे सभी ड्रोन्स में डाली जा सकती है। “मेक इन इंडिया” के विजन के अनुरूप, भारतीय रक्षा और इससे जुड़े क्षेत्रों की विशेष जरूरतें पूरी करने के लिए ओयूएस ने उच्च निष्पादन की कैमरा प्रणालियों, गिंबल्स और संबंधित ड्रोन कलपुर्जों का भारत में विकास करने, विनिर्माण करने और उनकी असेंबलिंग करने के लिए ताइवान स्थित विख्यात ड्रोन डेवलपर एविक्स टेक्नोलॉजी के साथ साझीदारी भी की है। यूएवी डिजाइन विशेषकर रिमोट कंट्रोल्ड हेलीकॉप्टरों और यूएवी इलेक्ट्रॉनिक्स में एविक्स की गहरी विशेषज्ञता से भारतीय टेक्नोलॉजी विकास में उन्नत क्षमताएं आई हैं।