
राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हुआ कार्यक्रम का आयोजन
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मुख्य अतिथि के रूप में रहे मौजूद
जयपुर। जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आज माणक अलंकरण व विशिष्ट पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया । दैनिक जलते दीप की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम में खोजपूर्ण, उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए 18 विभूतियों का सम्मान किया गया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली , विधायक गोपाल शर्मा, हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुधी राजीव , साहित्यकार पद्मश्री चंद्रप्रकाश देवल, जलते दीप के प्रधान संपादक पदम मेहता कार्यक्रम ने 18 विभूतियों को श्रीफल सॉल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में जलते दीप के संपादक पदम मेहता और पद्मश्री चंद्र प्रकाश देवल ने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की प्रखर मांग रखी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और देश की को स्वरूप देने में पत्रकारों को महत्वपूर्ण योगदान है। पत्रकारिता हमेशा प्रासंगिक और समाज उपयोगी भी बनी रहे। वर्तमान युग में पत्रकारों की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है पत्रकारों को समाज को सही दिशा देने की जिम्मेदारी है साथ इन्होंने कहा कि आज भारत देश का सम्मान विश्व मंच पर बड़ा है।

पिछले 10 वर्षों में भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। आज पुरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है। विश्व मंच पर जो भारत का सम्मान है इसके पीछे भारत की संस्कृति का एक बहुत बड़ा रोल है भारत की संस्कृति की वजह से ही विश्व में आज अपनी अलग पहचान है। वही राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ को इसके लिए अलख जगाने की आवश्यकता है। वहीं इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता बनाए रखना बहुत जरूरी है।
पत्रकारिता को निष्पक्ष-प्रासंगिक और समाजोपयोगी बनाए रखना चुनौती : शेखावत
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जयपुर में आयोजित माणक अलंकरण समारोह में पत्रकारिता के बदलते संदर्भों और उसकी चुनौतियों पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक प्रोफेशन नहीं, बल्कि एक मिशन है। इस दौरान उन्होंने कर्पूरचंद कुलिश की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि ऐसे पत्रकारों को सम्मानित करना आवश्यक है, जिन्होंने पत्रकारिता को समाजोपयोगी बनाए रखने का प्रयास किया।प्रतिष्ठित माणक अलंकरण पुरस्कार समारोह जयपुर में झालाना डूंगरी स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के मिनी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इस समारोह में वर्ष 2022, 2023 व 2024 के माणक अंलकरण से पत्रकारों व जनसंपर्ककर्मियों को सम्मानित किया गया।

बतौर मुख्य अतिथि शेखावत ने कहा कि “राजस्थानी भाषा का जिक्र यदि इस समारोह में नहीं होगा, तो इसे पूर्ण नहीं कहा जा सकता।” उन्होंने उन पत्रकारों का आभार प्रकट किया, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज के आधुनिक भारत तक अपनी लेखनी के जरिए समाज को दिशा दी। इमरजेंसी के दौरान पत्रकारों द्वारा निभाई गई साहसी भूमिका को याद करते हुए उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी पत्रकारिता ने सत्य के मार्ग को नहीं छोड़ा।
24×7 चैनलों और सोशल मीडिया की चुनौती
मंत्री ने मीडिया के बदलते स्वरूप पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 24 घंटे वाले चैनलों के आने से समाचार और मनोरंजन के बीच की रेखा धुंधली हो गई है। उन्होंने मुंबई हमले जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि खबरों को सनसनीखेज बनाने की प्रवृत्ति ने समाज में गलत प्रभाव डाला है। सोशल मीडिया के जमाने में “घटनाओं का चीरहरण” करने की आजादी ने पत्रकारों के कर्तव्य को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
प्रिंट मीडिया पर भरोसा कायम, लेकिन दरबारीपन की चिंता
शेखावत ने कहा कि आज भी लोगों का भरोसा प्रिंट मीडिया पर है, लेकिन इसमें भी “दरबारी और सरकारी” पत्रकारिता के बढ़ते चलन ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पत्रकारों को स्वतंत्रता और सत्य का पालन करना होगा, ताकि पत्रकारिता समाज के लिए प्रासंगिक और उपयोगी बनी रहे।
भारत की पहचान और पत्रकारों की जिम्मेदारी
गजेंद्र सिंह शेखावत ने भारत की प्राचीन धरोहर, योग और आयुर्वेद का उल्लेख करते हुए कहा कि “आज भारत का हर क्षेत्र वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कर रहा है। ऐसे समय में पत्रकारों की जिम्मेदारी है कि वे कलम की स्वतंत्रता को बनाए रखें और समाज को सही दिशा दें।”उन्होंने समारोह में उपस्थित पत्रकारों और बुद्धिजीवियों को यह संदेश दिया कि देश में बदलाव की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में जिम्मेदार नागरिकों के रूप में पत्रकारों को अपनी भूमिका पूरी निष्ठा से निभानी होगी।

शेखावत ने कहा कि इस अवसर पर हमें यह विचार करना चाहिए कि पत्रकारिता कैसे समाजोपयोगी बनी रहे और इसका दायरा समय के साथ और व्यापक हो। उन्होंने कहा, “कलम की ताकत ही समाज को सही दिशा दिखा सकती है, लेकिन इसे जिम्मेदारी और ईमानदारी के साथ निभाना ही सच्चे पत्रकार की पहचान है।”इस अवसर पर संपादक एवं विधायक गोपाल शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि चार दशक पहले माणक अलंकरण का महत्व बहुत बड़ा था। उन्होंने 1989 में माणक अलंकरण प्राप्त करने के समय के प्रसंगों को याद किया, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने उदयपुर प्रेस क्लब की घोषणा की थी। यह घटना माणक अलंकरण की प्रतिष्ठा को रेखांकित करती है।
पद्मश्री सीपी देवल ने समारोह में राजस्थानी भाषा में अपनी बात रखते हुए भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की पुरजोर वकालात की। उन्होंने कहा कि भाषा हमारी संस्कृति और धरोहरों को संरक्षित रखने का माध्यम है। उन्होंने भरतपुर और बूंदी के गीतों की प्रासंगिकता का उल्लेख करते हुए धरोहरों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने वर्तमान समय में प्रेस की स्वतंत्रता में गिरावट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बिना विज्ञापन के समाचार पत्रों का संचालन मुश्किल हो गया है, और प्रेस और विपक्ष का रिश्ता समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने पत्रकारिता की नैतिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि पत्रकारों को सामाजिक और राजनीतिक पतन रोकने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।

हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुधि राजीव ने माणक अलंकरण की परंपरा और संघर्ष को सलाम किया। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने का संघर्ष अब भी जारी है। कुलपति ने पत्रकारिता विश्वविद्यालय में राजस्थानी भाषा पत्रकारिता पाठ्यक्रम शुरू करने की बात कही। 44 वर्षों से माणक अलंकरण को जारी रखना अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।यह समारोह पत्रकारिता के बदलते स्वरूप, भाषायी संरक्षण और प्रेस की स्वतंत्रता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा का सजीव उदाहरण रहा। माणक अलंकरण न केवल पत्रकारिता में उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारियों की ओर भी एक कदम है।

प्रबंध सपादक (द्वय) दीपक मेहता व आशीष मेहता ने बताया कि समारोह में वर्ष 2022, 2023 व 2024 का ‘माणक अलंकरण’ क्रमशः चयनित पत्रकार देवकुमार सिंगोदिया ( राजस्थान पत्रिका, जयपुर), अमित बैजनाथ गर्ग (स्वतंत्र पत्रकार जयपुर) तथा महावीर शर्मा (दैनिक भास्कर, जोधपुर) को प्रदान किया गया। इसके अलावा पांच विशिष्ट पुरस्कारों में जनसम्पर्क कर्मी के रूप में क्रमशः डूंगरपुर की छाया चौबीसा, निफ्ट जोधपुर के डॉ मनीष कुमार शर्मा और बीकानेर के हरीशंकर आचार्य को दिया गया।
छायाकार व कार्टूनिस्ट श्रेणी में जयपुर के अशोक जैन, अभिषेक तिवारी व जोधपुर के रामजी व्यास को सम्मनित किया गया। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जोधपुर के करनपुरी गोस्वामी, अरूण हर्ष व जयपुर के कमलकांत व्यास को सम्मानित किया गया। वही जलतेदीप समूह श्रेणी में कोलकाता ब्यूरो प्रमुख सच्चिदानंद पारीक, जयपुर डेस्क प्रभारी विपुल श्रीवास्तव व सूरत ब्यूरो प्रमुख राजू तातेड़ को क्रमश: वर्ष 2022, 2023 व 2024 के लिए सम्मानित किया गया। राजस्थानी लेखन महिला श्रेणी में जोधपुर की वरिष्ठ साहित्यकार बंसती पंवार, दमयंती कच्छवाहा तथा बीकानेर की युवा लेखिका डा. रेणुका व्यास को विशिष्ट पुरस्कार से नवाजा गया।