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ई-पट्टा, ले-आउट प्लान अनुमोदन एवं अन्य सेवाओं की दी विस्तृत जानकारी
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कार्यशाला में ई-पट्टे हेतु लाईव आवेदन कराया, जारी किया ई-पट्टा
जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा आईटी इनिशिएटिवस, ई-पट्टा जारी करने की संपूर्ण प्रक्रिया एवं ले-आउट अनुमोदन की संपूर्ण प्रक्रिया पर आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन बुधवार 21 मई, 2025 को जेडीए परिसर में किया गया।कार्यशाला में जयपुर विकास आयुक्त आनंदी, जेडीए सचिव निशांत जैन, समस्त अतिरिक्त आयुक्तगण, उपायुक्तगण, आई.टी. के अधिकारी, जेडीए के वरिष्ठ अधिकारीगण, डीआईजी स्टाम्प (ऑनलाईन जुडे), संस्थान – टोडार, क्रेडाई, उक्मा एवं निजी विकासकर्ता संघ के अध्यक्षों एवं सदस्य सहित भारी संख्या में आमजन उपस्थित रहे। इस कार्यशाला ने जेडीए की ऑनलाइन सेवाओं को बेहतर बनाने और नागरिकों की आवश्यकताओं को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। इसके अतिरिक्त कार्यशाला के दौरान आवेदकों से लाईव ई-पट्टे एवं ले-आउट प्लान अनुमोदन हेतु आवेदन करवाये और कार्यक्रम में ही ई-पट्टे एवं ले-आउट प्लान अप्रूवल जारी की गई।कार्यशाला में जेडीए द्वारा वर्तमान में आमजन से जुडी समस्त 39 सेवाएँ ऑनलाइन प्रदान की जा रही हैं। विगत छः माह में आईटी क्षेत्र में किए गए सभी कार्याे से भी अवगत करवाया गया।
कार्यशाला में जेडीए आमजन/डवलपर्स/बिल्डर्स के प्रतिनिधियों से जेडीए की आनलाईन 39 सेवाओं के संदर्भ में प्रक्रियात्मक जानकारी एवं ऑपरेशनल फीडबैक/सुझाव प्राप्त किये गये।कार्यशाला में जेडीए की मुख्यतः सेवाएं – ई पट्टा एवं ले आउट प्लान अनुमोदन की सेवाएँ ऑनलाइन आवेदन से लेकर ई पट्टा जारी करने तक की समस्त प्रक्रिया की जानकारी लाईव प्रदान की गई। इसके साथ ही ले आउट प्लान अनुमोदन के संबंध में ऑनलाईन आवेदन से लेकर ले आउट प्लान अनुमोदन की संपूर्ण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।जयपुर विकास आयुक्त आनन्दी ने बताया कि जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा आमजन एवं बिल्डर्स के हित में अपनी सेवाओं और कार्यों को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए एक व्यापक ई-गवर्नेंस प्रणाली प्रारम्भ की है। इस नई पहल के माध्यम से अब नागरिक और व्यावसायिक संस्थान अपनी संपत्ति संबंधी कार्यों को ऑनलाइन ही आसानी से पूरा कर सकेंगे।
जेडीए द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही रही मुख्य सेवाएँ और सुविधाएँः
ई-पट्टाः वर्तमान में संपत्ति का पट्टे हेतु आनलाईन आवेदन कर पर ई-पट्टा ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकता है, जिससे दस्तावेज़ीकरण में आसानी और तेजी आ रही है। उक्त प्रक्रिया के अंतर्गत आवेदक एवं गवाह द्वारा आनलाईन ही ई-साईन एवं क्यूआर कोड से वेरीफिकेशन हो रहा है। नाम हस्तांतरणः ई-पंजीयन प्रणाली के साथ एकीकृत, जिसमें 15 अंकों का यूनिक नंबर का उपयोग कर नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। व्हाटसएप के माध्यम से ट्रांजेक्शन की स्थिति भी प्राप्त की जा सकती है।
90ए प्रकरणः 90ए पोर्टल के प्रकरणों में ई-धरती के जरिए संपत्ति के रिकॉर्ड स्वतः अपडेट होंगे, जिससे ऑटो म्यूटेशन की प्रक्रिया तेज़ और त्रुटि मुक्त होगी।जयपुर मास्टर प्लानः रीयल-टाइम डेटा एवं डिजिटल टूल्स जैसे क्यूआर कोड और जीआईएस का उपयोग कर, योजना और विकास कार्यों को अधिक पारदर्शिता और कुशलता के साथ प्रबंधित किया जा रहा है।यह पहल न केवल दस्तावेज़ीकरण की जरूरत को कम करेगी, बल्कि प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और आसान बनाएगी। साथ ही बायोमेट्रिक और ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण जैसी उन्नत सुरक्षा विधियों का प्रयोग कर, संपत्ति संबंधी लेनदेन में पूर्णतः सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
जेडीए का उद्देश्य है कि आमजन एवं बिल्डर्स के हित में विकसित की गई एडवांस तकनीक के माध्यम से सेवा वितरण को और बेहतर बनाया गया है और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण एवं एडवांस तकनीक वाली सुविधाएं प्रदान की गई हैं। भविष्य में, ई-स्टाम्प सेवाओं के साथ और भी सेवाओं का समावेश किया जाएगा ताकि कार्य प्रक्रियाएँ और भी सहज और पारदर्शी बन सकें।यह नई प्रणाली जयपुर के विकास और स्मार्ट शहर के लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शहर को अधिक डिजिटल, सशक्त और पारदर्शी बनाने की दिशा में अग्रसर है।इस अवसर पर जेडीसी आनंदी ने कहा कि जेडीए द्वारा बुधवार को कार्यशाला उन डवलपर्स/बिल्डर्स एसोसिएशन के लिए आयोजित की गई, जो जेडीए में अपने संबंधित कार्याे से निंरतर आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि आमजन और डवलपर्स/बिल्डर्स एसोसिएशन को जेडीए की आनलाईन उपलब्ध सेवाओं के बारे में अधिक से अधिक जानकारी विस्तार से प्राप्त हो, यह बहुत ही अच्छी बात है।
आज की कार्यशाला में हमने मास्टर प्लान-2025 को पूर्णरूप से आनलाईन कर दिया गया है। जिससे आमजन और अन्य यह जान सकेंगे कि कौनसी भूमि पर कौनसा निर्माण/कौनसी एक्टिविटी अनुज्ञेय है जिससे भविष्य में उत्पन्न होनी वाली समस्याओं से सामना नहीं करना पडेगा। साथ ही मास्टर प्लान 2025 को खसरे के साथ सुपर इंपोज भी किया गया है। वर्तमान में कोई भी अपने भूमि/भूखण्ड की जानकारी अपलोड कर आनलाईन मास्टर प्लान में देखा जा सकता है।बुधवार को आयोजित कार्यशाला के माध्यम से डवलपर्सर/बिल्डर्स को भी जेडीए द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही मुख्यतः आनलाईन सेवाओं की जानकारी प्रदान की गई है। चूंकि वे भी जमीन खरीदते है और योजनाएं विकसित करते हैं।इसके साथ ही आमजन को अपने भूखण्ड/भूमि का पट्टा लेने हेतु जेडीए अनेक बार आना पडता है, इस अवधि को कम/शून्य करने की दिशा में आईटी की नवीनतम तकनीकियों का उपयोग करते हुए जेडीए द्वारा दी जा रही समस्त 39 सेवाओं को आनलाईन किया गया है।