लव जिहाद कानून बनाने पर बोले ओवैसी, कहा-पहले जरा संविधान तो पढ़ लीजिए

भारत में इन दिनों लव जिहाद के खिलाफ कानून का मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने जहां इसके खिलाफ कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। वहीं उत्तर प्रदेश भी जल्द इसे लेकर कानून बनाने वाला है। इसके अलावा बिहार, हरियाणा में भी कानून बनाए जाने की मांग उठ रही है। इसी बीच एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान की भावना के खिलाफ बताते हुए पहले उसे पढ़ने की सलाह दी है।

ओवैसी ने रविवार को कहा, ‘इस तरह का कानून संविधान की धारा 14 और 21 के खिलाफ है। विशेष विवाह अधिनियम को तब खत्म कर दीजिए। कानून की बात करने से पहले उन्हें संविधान को पढ़ना चाहिए। नफरत का ऐसा प्रचार काम नहीं करेगा। भाजपा युवाओं का ध्यान बेरोजगारी से हटाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है।’

यूपी में पांच से 10 साल की सजा का प्रावधान

उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। मसौदे को परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भेज दिया गया है। इसे अगली कैबिनेट बैठक में पेश किए जाने की संभावना है। विभाग द्वारा तैयार मसौदे में इसे ‘गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक विधेयक’ कहा जा रहा है। ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपी को पांच से 10 साल तक की सजा दी जा सकती है।

मध्यप्रदेश में पांच साल तक की सजा का होगा प्रावधान

मध्यप्रदेश में लव जिहाद रोकने के लिए राज्य सरकार एक नया एक्ट, ‘मध्यप्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट-2020’ ला रही है। इसका ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है। इस कानून के तहत लव जिहाद का ताजा मामला पकड़े जाने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा ऐसे विवाह जो पहले हो चुके हैं, उन्हें रद्द करने का अधिकार फैमिली कोर्ट को दिया जाएगा।