बैठक के लिए अमेरिका जाएंगे पाकिस्तानी वित्त मंत्री

पाकिस्तानी वित्तमंत्री
पाकिस्तानी वित्तमंत्री

1 बिलियन डॉलर के मदद की आस

विश्व बैंक की वार्षिक बैठक और अमेरिका के साथ बातचीत करने जा रहे अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व पाकिस्तानी वित्त मंत्री इशाक डार करेंगे। मीटिंग में पैसों से जूझ रहे देशों को 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद मिल सकती है।

पाकिस्तान
पाकिस्तान

पाकिस्तानी लोकल न्यूज के मुताबिक, प्रतिनिधि मंडल में शामिल वित्त और आर्थिक मामलों के विभागीय सचिव और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर के साथ डार आईएमएफ और विश्व बैंक को डॉलर के लिए प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। प्रतिनिधिमंडल 10 से 16 अप्रैल तक आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक वसंत बैठक में भाग लेगा। पाकिस्तान वाशिंगटन स्थित आईएमएफ से 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि का इंतजार कर रहा है।

पाकिस्तान ने की आर्थिक मदद की मांग

2019 का आईएमएफ का यह कार्यक्रम 30 जून 2023 को खत्म हो जाएगा, जिसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। 9वीं समीक्षा, जो लंबिंत है वह 2022 दिसंबर में पूरी होनी थी। 10वीं समीक्षा फरवरी 2023 से शुरू होनी थी। वहीं 11वीं समीक्षा 3 मई से शुरू होने वाली थी। पाकिस्तान और आईएमएफ महीनों से 7 अरब डॉलर के आईएमएफ कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि उन्होंने रुके हुए आईएमएफ कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने के लिए सभी कड़े फैसले लिए हैं।

ऐसे बढ़ रही महंगाई

पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा खत्म हो चुका है। ऐसे में यहां की सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज चााहिए। इसके लिए जो शर्तें हैं, वो काफी कठिन हैं। इन शर्तों को पूरा करने के चक्कर में ही महंगाई दर बढ़ रही है। मार्च महीने में सीपीआई मुद्रास्फीति 50 साल के उच्च स्तर 35.37 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जानकारों का कहना है कि अभी इसमें और बढ़ोतरी होगी। केंद्रीय बैंक ने बढ़ती मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए बेंचमार्क ब्याज दर को 300 बीपीएस को 20 फीसदी तक बढ़ा दिया है।

अभी और बिगड़ेगी हालत

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले कई महीनों से सामानों के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिली है। वार्षिक मुद्रास्फीति पिछले साल जून से 20 फीसदी ज्यादा है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी अपने मासिक आर्थिक अपडेट और आउटलुक कहा है कि महंगाई आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकती है। इसके पीछे का कारण ऊर्जा और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और केंद्रीय बैंक की नीतियों को बताया गया है।

यह भी पढ़ें : अतीक के कुनबे की और बढ़ीं मुश्किलें, तन्हाई में कैद अशरफ