पाकिस्तान के टीएलपी के मुखिया खादिम हुसैन रिजवी का निधन

कराची। पाकिस्तान के चरमपंथी धार्मिक समूह तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) के मुखिया खादिम हुसैन रिजवी का गुरुवार को निधन हो गया। रिजवी ने पााकिस्तान के अति-रूढ़िवादी ईशनिंदा कानूनों में सुधारों का विरोध करने के लिए 2015 में टीएलपी की स्थापना की थी। हाल के दिनों में उन्होंने फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शनों का आयोजन भी किया था। 

टीएलपी के प्रवक्ता पीर एजाज अशरफी ने बताया कि 54 वर्षीय खादिम हुसैन रिजवी की लाहौर के एक अस्पताल में बुखार के चलते मौत हो गई। हालांकि, अधिकारियों ने फायरब्रांड मौलवी की मौत का कारण नहीं बताया। 

फ्रांस के खिलाफ किया था जबरदस्त प्रदर्शन

हाल के दिनों में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बोलने की आजादी को अधिकार बताते हुए इस्लाम की आलोचना का समर्थन किया था। इसके बाद रिजवी ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में फ्रांस के विरोध में हुए प्रदर्शनों का नेतृत्व किया और देश से फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग की। रिजवी को पाकिस्तान भर में व्यापक रूप से जाना जाता था, विशेष रूप से देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत पंजाब में। 

ईशनिंदा कानून में सुधार के खिलाफ रहे मौलाना

खादिम हुसैन रिजवी ने मुमताज कादरी की फांसी का विरोध करने के लिए टीएलपी की स्थापना की थी। दरअसल, कादरी ने पंजाब के गवर्नर की साल 2011 में सिर्फ इसलिए हत्या कर दी थी, क्योंकि उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के कठोर ईशनिंदा कानून में कुछ सुधार होने चाहिए। 

ईशनिंदा रूढ़िवादी पाकिस्तान में एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है, जहां कानूनों में इस्लाम या इस्लामी प्रतीकों का अपमान करने के लिए किसी को भी मृत्युदंड दिए जाने की अनुमति है।