
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनातनी के बीच भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की छठे दौर की बातचीत 12 घंटे से ज्यादा चली। इस दौरान भारत ने चीन के समक्ष पैंगोंग झील और डेपसांग समेत सभी तनावग्रस्त जगहों से वापस जाने की शर्त रखी। भारत का कहना है कि चूंकि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत की जमीन पर घुसपैठ की कोशिश की है, लिहाजा उसे पहले पीछे हटकर सीमा विवाद मामले में गंभीरता दिखानी होगी।
वहीं, पैंगोंग के दक्षिणी छोर की सामरिक रूप से अहम चोटियों पर भारत की बढ़त से तिलमिलाए चीन के कोर कमांडर ने भारतीय सेना को इन इलाकों से पहले हटने को कहा है। दोनों पक्ष सहमत थे कि बातचीत जारी रखते हुए विश्वास बहाली और अप्रैल से पहले की यथास्थिति कायम की जा सकती है। बताया जा रहा है कि बातचीत मंगलवार को भी जारी रह सकती है।
सूत्रों ने बताया कि यह बातचीत 10 सितंबर को विदेशमंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच तय हुई पांच सूत्री कार्यक्रम के दायरे में हुई। लद्दाख में सोमवार सुबह नौ बजे से रात नौ बजे के बाद भी चुशुल इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के उस पार चीन की तरफ मोल्डो में भारत के लद्दाख कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंदर सिंह और उनके चीनी समकक्ष के बीच छठे दौर की बातचीत होती रही।

इस दौर में पहली बार विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी) नवीन श्रीवास्तव भी शरीक हुए। भारत की तरफ से 14वीं कोर के अगले कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भी बातचीत में शरीक हुए। सूत्रों के मुताबिक हरेंदर सिंह का बतौर कोर कमांडर कार्यकाल खत्म होने वाला है। देर रात तक इस बातचीत के बारे में कोई औपचारिक जानकारी नहीं जारी की जा सकी।
भारत का जोर, पांच सूत्री सहमति का तय समयसीमा में पालन हो
सूत्रों के मुताबिक, बातचीत के दौरान भारतीय पक्ष ने चीनी सेना को तनातनी वाली सभी जगहों से पूरी तरह और जल्द से जल्द पीछे हटने के लिए पांच सूत्री सहमति का पालन करने पर बल दिया है। यह भी कहा है कि इन सहमतियों का पालन तय समयसीमा में होना चाहिए, ताकि चार महीने से ज्यादा वक्त से चले आ रहे गतिरोध को खत्म किया जा सके।
कूटनीतिक और विशेष प्रतिनिधि स्तर पर संवाद के खुल सकती है नई राह
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, चीन ने भी पांच सूत्री कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ही बातचीत में सकारात्मक रुख दिखाया है। दोनों पक्ष सहमत हुए कि बातचीत जारी रखते हुए विश्वास बहाली और अप्रैल की स्थिति में वापस जाने का रास्ता निकाला जा सकता है। इस बातचीत के बाद कूटनीतिक और विशेष प्रतिनिधि स्तर पर संवाद का रास्ते नए सिरे से खोले जाने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को इस बारे में सरकार की तरफ से औपचारिक बयान जारी किया जा सकता है।