
परिवेदनाओं के त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश
बुनियादी सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता– संसदीय कार्य मंत्री
जयपुर। संसदीय कार्य, विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने शनिवार को जोधपुर सर्किट हाउस में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान आमजन की समस्याएं सुनीं और संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही कर शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
पटेल ने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार हर वर्ग के उत्थान एवं कल्याण के लिए कृतसंकल्पित होकर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार लक्ष्य अंत्योदय के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही है।

अधिकारियों दिए आवश्यक दिशा-निर्देश—
पटेल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आमजन की समस्याओं एवं परिवेदनाओं का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनसेवा की भावना से कार्य करते हुए पारदर्शिता, संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व की भावना के साथ कार्य करें। किसी भी स्तर पर अनावश्यक विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि शिकायतों के समाधान में लापरवाही या उदासीनता सुशासन की अवधारणा को कमजोर करती है। इसलिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक अधिकारी अपने स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करें और नागरिकों को राहत पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
सुशासन का आदर्श प्रस्तुत करें अधिकारी—
पटेल ने कहा कि अधिकारी निष्पक्षता, पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करें, इससे आमजन में शासन की छवि सुदृढ़ होती है और जनता का विश्वास प्रशासन पर बढ़ता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी केवल आदेशपालक न बनें, बल्कि शासन की नीति और मंशा के अनुरूप सक्रिय भागीदारी निभाएं। जनप्रतिनिधियों और नागरिकों के साथ निरंतर संवाद रखें ताकि स्थानीय समस्याओं का त्वरित एवं युक्तियुक्त समाधान सुनिश्चित किया जा सके।

जनसुनवाई का उद्देश्य आमजन को सशक्त बनाना—
पटेल ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं है, बल्कि अंतिम व्यक्ति तक राहत पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई जैसी व्यवस्थाएं लोकतंत्र की नींव को मजबूत करती हैं और नागरिकों को सशक्त बनाती है। पटेल ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पेयजल, सड़क, पेंशन, सामाजिक सुरक्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति जैसी बुनियादी सेवाएं प्रत्येक नागरिक का मूलभूत अधिकार हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि इन सेवाओं की नियमित और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि आमजन को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।