एनडीए से अलग हुई पशुपति पारस की लोजपा पार्टी…

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस

पटना। बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है। प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है सियासी हलचल भी तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। इसी बीच चुनाव से पहले एनडीए को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए का साथ छोड़ने की घोषणा की है।

पशुपति पारस ने क्या कहा

पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि आज तक हम बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए का हिस्सा थे लेकिन आज से हम एनडीए के सहयोगी नहीं हैं। बता दें कि पशुपति कुमार पारस लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान के भाई हैं।

एनडीए ने हमारे साथ अन्याय किया

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि साल 2014 से लेकर आज तक मैं एनडीए गठबंधन में था, हमारी पार्टी एनडीए गठबंधन की एक वफादार, ईमानदार सहयोगी थी लेकिन जब लोकसभा चुनाव हुए तो बिना किसी कारण के क्योंकि हमारी पार्टी दलितों की पार्टी है, एनडीए गठबंधन के लोगों ने हमारी पार्टी के साथ अन्याय किया।

‘हमने लोकसभा चुनाव में एनडीए का साथ दिया’

उन्होंने कहा कि फिर भी हमने लोकसभा चुनाव में NDA का साथ दिया। 6-8 महीने बाद जब भी बिहार में NDA की बैठक हुई तो बीजेपी या JDU के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में हम 5 पांडव हैं, इसमें हमारी पार्टी का नाम कहीं नहीं लिया गया और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के साथ उन्हीं लोगों ने अन्याय किया।

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कही ये बात

वहीं इस दौरान पशुपति पारस ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हम बिहार में 243 सीटों के लिए तैयार हैं। अगर महागठबंधन के लोग हमें सही समय पर उचित सम्मान देते हैं तो हम भविष्य की राजनीति पर विचार करेंगे। लालू परिवार और RJD से मेरे संबंध शुरुआत से अच्छे रहे हैं। सही समय का इंतजार करें, जब सही समय आएगा, हम सर्वसम्मति से निर्णय लेंगे।

पारस के एनडीए छोड़ने पर बोले जीनतराम मांझी

आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पशुपति पारस द्वारा एनडीए छोड़ने के ऐलान के बाद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पशुपति पारस के एनडीए छोड़ने से कोई नुकसान नहीं होगा।

पारस के शामिल होने से महागठबंधन होगा मजबूत

हालांकि पशुपति पारस ने अब तक महागठबंधन में शामिल होने की बात नहीं बोली है। लेकिन आगामी विधानसभा में पशुपति पारस की पार्टी यदि महागठबंधन में शामिल होती है तो इससे महागठबंधन को मजबूती मिल सकती है। वहीं दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव भी नहीं चाहेंगे कि किसी गलती की वजह से इस विधानसभा चुनाव में उनकी सरकार नहीं बने। हालांकि वक्फ कानून का समर्थन करने से नीतीश कुमार और चिराग पासवान से मुस्लिम वोटबैंक नाराज नजर आ रहा है।