राज्य में 50 स्थानों पर लगाए जायेंगे प्लास्टिक बोतल फ्लेकिंग मशीन

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल
  • राज्य को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में अग्रसर रहे मंडल : अध्यक्ष, राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल

  • शीघ्र ही अलवर जिले में भी शुरू होगा वायु प्रदूषण के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम

जयपुर। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण एवं प्लास्टिक मुक्त राज्य की संकल्पना को साकार करने के क्रम में गत दिनों में मंडल द्वारा प्रदूषण नियंत्रण एवं ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के क्षेत्र में आदर्श राज्य स्थापित करने के उद्देश्य से तमाम बेहतरीन कदम उठाये गए है।

जिनके फलस्वरूप प्रदूषण नियंत्रण, प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री का उपयोग एवं कचरा प्रबंधन जैसी समस्याओं के समाधान की ओर हमारा समाज बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। उन्होंने मौजूद बोर्ड के सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे अपनी कार्य योजना आमजन एवं हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार करें ताकि आने वाले समय की जरूरतों से समय रहते सामंजस्य स्थापित किया जा सके।

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल शुक्रवार को मंडल की 152 वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे इस दौरान उन्होंने मंडल की गत बैठक के अंतर्गत पारित किये गए एजेंडों की प्रगति समीक्षा कर विस्तार से चर्चा की। बैठक के दौरान सदस्य सचिव एन विजय एन ने कुल 21 एजेंडा पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पेश किये।

-राज्य में 50 चिन्हित स्थानों पर लगाए जायेंगे प्लास्टिक बोतल फ्लेकिंग मशीन

एन विजय ने बताया कि राज्य में प्लास्टिक बोतल के निस्तारण की समस्या को मध्यनजर रखते हुए राज्य के ऐसे चिन्हित 50 स्थान जहां पर्यटकों की आवाजाही अधिक है या प्लास्टिक की बोतल का उपयोग अत्यधिक है, वहां आईओटी इनेबल्ड प्लास्टिक बोतल फ्लेकिंग मशीन लगायी जाएंगी।

जिसके तहत उपयोग के बाद प्लास्टिक की बोतलों को उस मशीन में डाल कर उनका निस्तारण मौके पर ही संभव हो पायेगा और कहीं न कहीं इसके जरिये प्लास्टिक बोतल के निस्तारण की समस्या का समाधान हो सकेगा। ऐसे में मुख्य पर्यटन स्थलों को भी प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में एक पहल की जा सकेगी।

– शीघ्र ही अलवर जिले में भी शुरू होगा वायु प्रदूषण के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम

सदस्य सचिव ने बताया कि जयपुर जिले की तर्ज पर अब अलवर जिले में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए ” अर्ली वार्निंग एंड डिसीजन सपोर्ट सिस्टम फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ” विकसित किया जायेगा ताकि अलवर जिले में वायु प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभावों से समय रहते बचा जा सके। उल्लेखनीय है कि हाल ही में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा जयपुर जिले में वायु प्रदूषण के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लांच किया गया था।

-भिवाड़ी एवं तिजारा में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए राज्य सड़क मार्ग-25 के दोनों तरफ किया जा रहा है वृक्षारोपण

एन विजय ने बताया कि भिवाड़ी एवं तिजारा में वृक्षावरण में वृद्धि करने एवं रोड डस्ट के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से वन विभाग के साथ सामंजस्य स्थापित कर राज्य सड़क मार्ग-25 के दोनों तरफ वृक्षारोपण किया जा रहा है ताकि आमजन को प्रदूषण की समस्या से राहत मिल सके।

-सभी श्रेणी की इकाईयों को अब ऑटो नवीनीकरण के तहत मिलेगी सम्मति

इस दौरान सदस्य सचिव ने बताया कि वर्तमान में राज्य मंडल द्वारा ग्रीन क्ष्रेणी की 5 करोड़ पूँजी लगत वाली इकाइयों को एक्नॉलेजमेंट दिया जा रहा है। अब यह दायरा एमएसएमई स्तर तक की ग्रीन क्ष्रेणी इकाइयों तक बढ़ाया गया है.दूसरी ओर ग्रीन चैनल आधारित प्रक्रिया पर सभी प्रकार की इकाइयों को संचालन करने की सम्मति ऑटो नवीनीकरण के माध्यम से देने का निर्णय लिया गया है।

ऑटो नवीनीकरण की प्रक्रिया एक तरफ अनुपालन करने वाले उद्योगों को सुविधा प्रदान करेगी और व्यापार करने में आसानी के अनुरूप भी होगी और दूसरी तरफ यह अधिक से अधिक उद्योगों को मानदंडों का अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित भी करेगी।

बैठक के दौरान सभी 21 कार्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई एवं सभी कार्य योजनाओं को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस दौरान आरएसएमएमएल के प्रबंध निदेशक राजेन्द्र भट्ट, पर्यावरण एवं जलवायु विभाग की शासन सचिव ख्याति माथुर, सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी संकटा प्रसाद, वित्त विभाग के संयुक्त सचिव अइजाज नबी खान, मंडल की वित्तीय सलाहकार निधि मेहता सहित अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्य एवं मंडल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।