पीएम मोदी ने बिहार को दी सौगात, नौ राजमार्ग परियोजनाओं का किया शिलान्यास

नई दिल्ली। बिहार में अक्टूबर-नवंबर के महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक लगभग रोजाना राज्य को नई-नई सौगात दे रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को प्रधानमंत्री ने नौ राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के 45,945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोडऩे वाली सेवा घर तक फाइबर प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन किया।

यहां पढ़ें प्रधानमंत्री का संबोधन

बिहार की कनेक्टिविटी में सबसे बड़ी बाधा बड़ी नदियों के चलते रही है। यही कारण है कि जब पीएम पैकेज की घोषणा हो रही थी तो पुलों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया था। पीएम पैकेज के तहत गंगा जी के ऊपर कुल 17 पुल बनाए जा रहे हैं, जिसमें से अधिकतर पूरे हो चुके हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर अब जिस स्केल पर काम हो रहा है, जिस स्पीड पर काम हो रहा है, वो अभूतपूर्व है। 2014 से पहले की तुलना में आज हर रोज दोगुनी से भी तेज गति से हाइवे बनाए जा रहे हैं।

इतिहास साक्षी है कि दुनियाभर में उसी देश ने सबसे तेज तरक्की की है, जिसने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर गंभीरता से निवेश किया है। लेकिन भारत में दशकों तक ऐसा रहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े और व्यापक बदलाव लाने वाले प्रोजेक्ट्स पर उतना ध्यान नहीं दिया गया।

21वीं सदी का भारत, 21वीं सदी का बिहार, अब पुरानी कमियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। आज देश में मल्टीमोडल कनेक्टिविटी पर बल दिया जा रहा है। अब हाईवे इस तरह बन रहे हैं कि वो रेल रूट को, एयर रूट को सपोर्ट करें। रेल रूट इस तरह बन रहे हैं कि वो पोर्ट से इंटर-कनेक्टेड हों।

बिहार की लाइफलाइन के रूप में मशहूर महात्मा गांधी सेतु आज नए रंगरूप में सेवाएं दे रहा है। लेकिन बढ़ती आबादी और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए, अब महात्मा गांधी सेतु के समानांतर चार लेन का एक नया पुल बनाया जा रहा है। नए पुल के साथ 8 लेन का पहुंच पथ भी होगा। 

टेलिमेडिसिन के माध्यम से अब दूर-सुदूर के गांवों में भी सस्ता और प्रभावी इलाज गरीब को घर बैठे ही दिलाना संभव हो पाएगा। हमारे किसानों को तो इससे बहुत अधिक लाभ होगा। अच्छी फसल, मौसम का हाल, जैसी कई जानकारियां उन्हें आसानी से मिलेंगी।

इंटरनेट कनेक्टिविटी देश के हर गांव तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ देश आगे बढ़ रहा है। गांव-गांव में तेज इंटरनेट पहुंचेगा तो गांव में पढ़ाई आसान होगी। गांव के बच्चे, युवा भी एक क्लिक पर दुनिया की किताबों तक, तकनीक तक आसानी से पहुंच पाएंगे।

यही नहीं बीते 6 साल में देशभर में 3 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर भी ऑनलाइन जोड़े गए हैं। अब यही कनेक्टिविटी देश के हर गांव तक पहुंचाने के लक्ष्य साथ देश आगे बढ़ रहा है।

इंटरनेट का इस्तेमाल बढऩे के साथ-साथ अब ये भी जरूरी है कि देश के गांवों में अच्छी क्वालिटी, तेज रफ्तार वाला इंटरनेट भी हो। सरकार के प्रयासों की वजह से देश की करीब डेढ़ लाख पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहले ही पहुंच चुका है।
 
भारत के गांवों में इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या शहरों से ज्यादा हो जाएगी, ये कुछ वर्षों तक सोचना मुश्किल था। किसान, गांव के युवा, महिलाएं इतनी आसानी से इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगीं, इस पर भी कुछ लोग सवाल उठाते थे, लेकिन अब सारी स्थितियां बदल गई हैं।

आज बिहार की विकास यात्रा का एक और अहम दिन है। अब से कुछ देर पहले बिहार में कनेक्टिविटी को बढ़ाने वाली 9 परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। इन परियोजनाओं के लिए बिहार के लोगों को बहुत बहुत बधाई देता हूं। इन परियोजनाओं में हाइवे को चार लेन और छह लेन का बनाने और नदियों पर तीन बड़े पुलों के निर्माण का काम शामिल है।