
आज 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले राजनीतिक दलों ने पूरी तरह से कमर कस ली है। जहां विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है, वहीं सत्ताधारी भाजपा भी मुकाबले के लिए तैयार है।
इस बीच, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने भी संसद के शीतकालीन सत्र के लिए अपना इरादा साफ कर दिया है। मायावती ने अपने सांसदों को एजेंडा भी दिया है। कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, समाजवादी पार्टी समेत कई दलों ने भी साफ कर दिया है कि वह किन मुद्दों पर संसद में सरकार से सवाल करेंगी।
कांग्रेस का क्या है मूड? : कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। इसके तहत सभी सांसदों को दोनों सदनों की कार्रवाई के दौरान उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि राज्यसभा में चर्चा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाएगा। इसलिए सुबह 11 बजे से सदन स्थगित होने तक सदन में मौजूद रहें। साथ ही पार्टी के रुख का समर्थन करें। इसी तरह का व्हिप लोकसभा में भी जारी किया गया है।
मायावती ने क्या कहा? : बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्विट करके संसद के शीतकालीन सत्र का एजेंडा बताया। लिखा, देश को आशा है कि तीन दिन पहले संविधान दिवस पर जनता से किए गए अपने वादों को सरकार नहीं भूलेगी। उन वादों को सही ढंग से निभाया जाएगा।
मायावती ने आगे लिखा, कसानों के सभी मुद्दों के प्रति भी सरकार का रूख क्या होता है, इस पर भी सबकी नजर रहेगी। बीएसपी के सभी सांसदों को भी निर्देशित किया गया है कि वे देश व जनहित के अहम मुद्दों को नियमों के तहत ही पूरी तैयारी के साथ सदन के दोनों सदनों में जरूर उठाएं। सरकार भी अपनी ओर से सदन को पूरे विश्वास में लेकर ही काम करे तो यह बेहतर होगा।

केंद्र सरकार को सलाह भी दी : मायावती ने कहा कि कृषि कानूनों जैसे व्यापक जनहित के मुद्दों पर कानून बनाते समय उसके असर का आकलन नहीं करना एक अहम सवाल बना गया है। इस ओर न्यायपालिका बार-बार इंगित कर रही है। इस पर भी केंद्र को जरूर ध्यान देना चाहिए। ताकि नए कानून के मुद्दों पर देश को आगे अनावश्यक टकराव से बचाया जा सके।