
आजकल लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी वजह से मानसिक तनाव का शिकार हो रहा है। इन दिनों एंग्जायटी, घबराहट, तनाव, कन्फ्यूजन, इरिटेशन एक सामान्य व्यक्ति के जीवन का हिस्सा बन चुका है। हालांकि, बेहद कम लोग ही यह समझ पाते हैं कि वह किसी मानसिक तनाव का शिकार है। ऐसे में समस्या तब खड़ी होती है, जब ये एंजायटी आपके ब्रेन में मौजूद एमीगडाला को ट्रिगर करने लगता है। इस स्थिति में एक सामान्य सी बात भी आपको ट्रिगर कर एंग्जायटी और डिप्रेशन का शिकार बना सकती है। इन दिनों सफलता की होड़ में सबसे ज्यादा तनाव और एंग्जायटी जॉब या वर्कप्लेस के कारण होता है, लेकिन अपने ट्रिगर को न पहचान पाने के कारण आपका जॉब आपके मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है।
रोल स्ट्रेसर

आपके जॉब में आपका क्या रोल है, ये आपके मेंटल हेल्थ पर बहुत असर डालता है। ये कारण तीन स्थितियों में मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है। पहला, आपके रोल की किसी अन्य से तुलना किए जाने से स्ट्रेस पैदा होता है। दूसरा, आपके रोल के अनुसार आपके ऊपर काम का दबाव ज्यादा डाले जाने से स्ट्रेस होता है। तीसरा, आपके रोल में भेदभाव किए जाने से भी स्ट्रेस होता है।
ऑर्गेनाइजेशन कन्फ्लिक्ट

जिस आर्गेनाइजेशन में आप जॉब करते हैं, वहां दो स्थिति में आपके मेंटल हेल्थ के साथ समझौता हो सकता है। पहला आपके ऑर्गेनाइजेशन में सपोर्ट की कमी के कारण आपको स्ट्रेस हो सकता है। दूसरा, ऑर्गेनाइजेशन का कल्चर और वहां जाने पर आपके जीवन और दिनचर्या में आए बदलाव के कारण भी आपकी मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकती है।
वर्कप्लेस मिस्ट्रीट
आपके वर्कप्लेस में खराब मैनेजमेंट के कारण भी आपको तनाव हो सकता है, लेकिन पैसों और सिक्योरिटी के लिए आप मजबूरी में उस काम को करते रहते हैं। साथ ही अगर कलीग से आपके रिश्ते कुछ ज्यादा ही कड़वे हैं और आप उनके साथ एडजस्ट करने में दिक्कत महसूस करते हैं, तो यह भी स्ट्रेस का कारण बनता है।
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